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क्या लम्बे समय तक काढ़े का सेवन लिवर खराब कर सकता है? जाने क्या कहा आयुष मंत्रालय ने।

क्या लम्बे समय तक काढ़े का सेवन लिवर खराब कर सकता है? क्या आपको भी ऐसा कोई सवाल पिछले कुछ समय से परेशान कर रहा था? यदि हाँ तो अब आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं। आपको बता दें कि हाल ही में आयुष मंत्रालय ने उन सभी दावों को ख़ारिज कर दिया था जिनमें यह दावा किया जा रहा था कि लम्बे समय तक काढ़े का सेवन लिवर खराब कर सकता है। आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा ने इसे गलत धारणा बताते हुए यह साफ़ किया की दालचीनी, तुलसी, काली मिर्च और लौंग से बनने वाले काढ़े का सेवन श्वषन तंत्र पर अच्‍छा प्रभाव डालता है।

मौजूदा समय की बात करें तो देश में जारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए इम्युनिटी बूस्ट करने की सलाह जारी की गयी थी। जिसके लिए काढ़े के सेवन करने पर जोर दिया गया था। यही कारण है कि देश में कोरोना वायरस प्रसार के बाद से ही लोगों के बीच काढ़े का सेवन भी बड़ा है। वही काढ़े के सेवन को लेकर कुछ लोगों के मन में सवाल थे जिनका जवाब अब आयुष मंत्रालय ने दे दिया है। इसलिए आप भी अब बेफिक्र होकर काढ़े का सेवन कर सकते हैं। हालांकि सीमित मात्रा में ही इसका सेवन किया जाना चाहिए।

काढ़े का सेवन लिवर खराब
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क्या लम्बे समय तक काढ़े का सेवन लिवर खराब कर सकता है : No Evidence That “Kadha” Damages Liver: AYUSH Ministry

काढ़े को लेकर क्या कहा राजेश कोटेचा ने –

आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा ने कहा, ”ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे यह बात साबित हो सके कि लम्बे समय तक काढ़े का सेवन लिवर खराब कर सकता है! उन्होंने काढ़े के बारे में फैली इस धारणा का सिरे से खंडन करते हुए कहा कि काढ़े में प्रयोग होने वाली सभी चीजें आपके घर के किचन से ही हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना से लड़ने में काढ़े का प्रयोग कितना कितना प्रभावी है, इसके ऊपर शोध लगातार जारी है।

दिन में कितनी बार पीना चाहिए काढ़ा (Kadha) –

काढ़े को लेकर अधिकर लोगों के मन में सबसे पहला सवाल यही आता है कि इसका सेवन एक दिन में कितनी बार करना चाहिए? आयुष मंत्रालय के मुताबिक काढ़े का सेवन एक दिन में एक से दो बार जरूर करना चाहिए। कोरोना के प्रति इम्युनिटी बूस्ट करने वाले इस काढ़े को बनाने के लिए दालचीनी, सूखी हल्दी, सोंठ, काली मिर्च और तुलसी का प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ-साथ आयुष मंत्रायल के सचिव राजेश कोटचा में यह भी साफ किया कि घर में मौजूद प्राकृतिक चीजों से बनने वाले काढ़े का सेवन लिवर खराब नहीं करता है।

कोविड के नए प्रोटोकॉल में भी जड़ी-बूटियों का उपयोग –

सरकार की तरफ से जारी कोरोना के लिए जारी नए प्रोटोकाल में भी कोविड-19 से बचाव के लिए अश्‍वगंधा और आयुष-64 के सेवन का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा हाई रिस्‍क वाले लोगों के लिए गुडूची घन वटी, अश्‍वगंधा और च्‍यवनप्राश के सेवन का सुझाव दिया गया है।

इम्यूनिट बढ़ाने में कारगर है आयुष क्वाथ (Ayush kwath) –

कोरोना के प्रति इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए आप आयुष क्वाथ का सेवन भी कर सकते हैं। आयुष क्वाथ काली मिर्च, दालचीनी, तुलसी और सुंथी के मिश्रण से बना होता है। यह आपको पाउच के रूप में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इसका प्रयोग करने के लिए चाय बनाने के दौरान उसमे डाल दें। चाय को अच्छी तरह से पकाएं। बाद में आयुष क्वाथ मिली इस चाय को छानकर पि जाएँ। इसका सेवन आप दिन में दो बार कर सकते हैं। इसके अलावा आयुष क्वाथ गोलियों के रूप में भी आपको उपलब्ध हो जाता है। इनका सेवन आप दिन में दो बार गुनगुने पानी या शहद के साथ कर सकते हैं।

इम्युनिटी बूस्ट करने के अन्य टिप्स –

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