Health

बिना डाक्टर के पर्चे के अब होगा ऑन-डिमांड कोरोना टेस्ट, ICMR ने जारी की नई गाइडलाइन।

देश में बेकाबू हो चुकी कोरोना की रफ्तार पर नियंत्रण लगाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अब अपना पूरा दम-खम लगाते नजर आ रहा है। इसी के तहत भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कोरोना वायरस के टेस्ट से संबंधित नियमों में बड़ा बदलाव किया है। ICMR के नए नियमों के मुताबिक अब ऑन-डिमांड कोरोना टेस्ट करवाने को मंजूरी दे दी गई है। यानि की कोरोना टेस्ट के लिए आपको डॉक्टर के पर्चे की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब आप कभी भी किसी भी जगह पर बिना डॉक्टर के पर्चे के अपना ऑन-डिमांड कोरोना टेस्ट करवा सकते हैं। बता दें कि अभी तक कोरोना टेस्ट करवाने से पहले व्यक्ति को डॉक्टर के पर्चे की जरूरत पड़ती थी। लेकिन इन नियमों के आ जाने के बाद आप जब चाहें तब ऑन-डिमांड कोरोना टेस्ट करवा सकते हैं।

ऑन-डिमांड कोरोना टेस्ट
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क्या थे पुराने नियम
कोरोना टेस्ट के अब तक के चले आ रहे नियमों की बात करें तो उनमें ICMR की गाइडलाइंस के अनुसार केवल वही लोग अपना कोरोना वायरस टेस्ट करवा सकते थे, जो किसी संक्रमित व्यक्ति की चपेट में आए हो या फिर व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखाए दे रहे हों। लेकिन पुरानी गाइडलाइंस के अनुसार व्यक्ति को कोरोना टेस्ट करवाने से पहले डॉक्टर के पर्चे की जरूरत पड़ती थी और इसी के बाद उनका टेस्ट होता था। लेकिन अब ICMR की और से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक आप ऑन-डिमांड कोरोना टेस्ट करवा सकते हैं। इसके लिए आपको किसी डॉक्टर के पर्चे की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

राज्य कर सकते हैं परिवर्तन
ICMR की तरफ से ऑन-डिमांड कोरोना टेस्ट को लेकर जारी हुई नई गाइडलाइन के अनुसार राज्य सरकार के पास यह अधिकार रहेगा कि वह अपने मुताबिक नियमों में फेरबदल कर सकती है। इसके अलावा ही सार्वजनिक चिकित्सक अधिकारियों को प्रदेश में हर जगह लेबोरेट्री ट्रैकिंग और कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग मैकेनिज्म को सुनिश्चित करना होगा। गाइडलाइन के मुताबिक राज्य सरकार कोरोना टेस्ट के लिए आसान तरीके अपनाने होंगे ताकि लोगों को टेस्ट करवाने में कोई दिक्क्त न हो। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के पास यह अधिकार होगा कि वह ICMR की गाइडलाइंस में फेरबदल कर सकें।

जानिए फेरबदल से संबंधित कुछ मुख्य बातें –

*पहले कंटेनमेंट जोन में रैपिड एंटीजन टेस्ट फिर आरटी-पीसीआर या TrueNat या सीबीएनएए टेस्ट किया जाता था। नई गइलाइन में कंटेनमेंट जोन में एंट्री प्वॉइंट्स पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। कंटेनमेंट जोन में लगातार स्क्रीनिंग करने के साथ एंटीजन टेस्ट भी किया जाना चाहिए।

*RT-PCR टेस्ट तभी किया जाए जब कोई व्यक्ति एंटीजन टेस्ट में निगेटिव निकल जाए किन्तु उसे सांस लेने में तकलीफ हो या फिर कोरोना के कोई और लक्षण दिख रहे हों।

*कंटेनमेंट जोन में मौजूद सभी लोगों की टेस्टिंग की जानी चाहिए। खासतौर पर हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों का टेस्ट होना चाहिए।

*इसे क्षेत्र जो कंटेनमेंट जोन में नहीं आते उनकी लगातार निगरानी करना जरूरी है। इसके अलावा जिन लोगों ने बीते 14 दिनों में इंटरनेशनल यात्रा की है उनका टेस्ट किया जाना चाहिए। नई गाइडलाइंस के मुताबिक शहर लौटने वाले श्रमिकों, सभी स्वास्थ्यकर्मियों का टेस्ट किया जाना चाहिए।

*कोरोना टेस्ट की नई गाइडलाइन में गर्भवती महिलाओं की टेस्टिंग के लिए भी RT-PCR टेस्ट करने की सलाह दी गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि आपातकालीन प्रक्रिया जिसमें प्रसव यानी डिलिवरी भी शामिल है, टेस्ट की कमी के कारण उसमें किसी प्रकार का विलम्ब नहीं होना चाहिए। हालांकि हालांकि इलाज के दौरान ही सैंपल को टेस्ट के लिए भेजा जा सकता है।

*सर्जिकल या गैर-सर्जिकल प्रक्रियाओं के तहत आने वाले सभी मरीजों का टेस्ट किया जा सकता है. मगर सप्ताह में एक बार से अधिक नहीं. स्ट्रोक, एंसेफलाइटिस, हेमोप्टाइसिस जैसे मरीजों का डॉक्टर की सलाह के अनुसार ज़रूरी लगने पर टेस्ट किया जा सकता है।

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