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कोरोनावायरस: लॉकडाउन के दौरान माँ ने बेटे को लाने के लिए तय की 1400 किलोमीटर की दूरी।

कोरोना वायरस के कारण सम्पूर्ण देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है, जिस कारण एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इस दौरान केवल अति-आवश्यक चीजों को लाने ले जाने की अनुमति दी गई है, बावजूद इसके एक महिला की चर्चा सोशल मीडिया में जम कर हो रही है, जिसने लॉकडाउन के दौरान एक राज्य से दूसरे राज्य तक के बीच 1400 किलोमीटर की दूरी स्कूटी से तय करी। महिला ने स्कूटी से 1400 किलोमीटर की दूरी लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्य में फंसे अपने बेटे को घर वापस लाने के लिए करी। इस दौरान उसे रास्ते में कई बाधाओं का सामना भी करना पड़ा। ये एक माँ की अपने बेटे के प्रति ममता ही थी, जो लॉकडाउन होने के बावजूद भी उसने अपने बेटे को सकुशल घर लाने के लिए स्कूटी से 1400 किलोमीटर का लम्बा सफर तय किया।

1400 किलोमीटर स्कूटी लॉकडाउन
courtesy google

तेलंगाना में रहने वाली यह महिला एक शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं, महिला का नाम रजिया बेगम है। रजिया बेगम तीन बच्चे हैं और उनके पति का 14 वर्ष पूर्व निधन हो चुका है। आपको बता दें कि महिला का बेटा मोहम्मद निज़ामुद्दीन हैदराबाद में एक कोचिंग संस्थान में मेडिकल कि पढ़ाई कर रहा है, उसका सपना आगे चलकर डाक्टर बनने का है। कुछ समय पूर्व उसके बेटे का एक दोस्त भी मेडिकल की कोचिंग के लिए हैदराबाद गया था, लेकिन कुछ कारणों के चलते मार्च माह में निज़ामुद्दीन अपने दोस्त को घर छोड़ने के लिए आंध्र प्रदेश के नेल्लूर चला गया था। वो कुछ दिन वहीं रुका और कुछ समय बाद देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गयी। जिसके चलते निज़ामुद्दीन अपने घर से 1400 किलोमीटर दूर आंध्र प्रदेश में फस गया।

रज़िया बेगम को देश में लगातार बड़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते अपने बेटे कि चिंता सताने लगी और उन्होने तय किया की वह कुछ भी करके अपने बेटे को आंध्र प्रदेश से निकालकर वापस घर लाएंगी। इसके लिए रजिया ने फैसला किया कि वह स्वयं कार के बजाय स्कूटी से आंध्र प्रदेश जाएँगी और अपने बेटे को घर वापस लेकर आएँगी। स्कूटी से सफर करते हुए रजिया बेगम को अनेक प्रकार कि कठिनाइयों का भी सामना करा पड़ा। कई बार उनको जगह जगह बने चेक पोस्ट पर पुलिस के द्वारा रोक लिया जाता था तो कभी रात के घनघोर अँधेरे में सुनसान पड़ी सड़कों पर स्कूटी चलाते हुए, अपने डर को काबू में कर आगे बढ़ना पड़ता था।

अपने इस 1400 किलोमीटर सफर के दौरान रज़िया बेगम सिर्फ पेट्रोल पम्प स्टेशन पर ही 1 से आधे घंटे का विश्राम किया करती थी। अपने इस लम्बे सफर के दौरान उन्होंने सोशल डिस्टेंस का भी पूरा ध्यान रखा, इस दौरान उन्होने बाहर से कुछ नही खाया। खाने के लिए जो सामान उन्होने अपने साथ घर से यात्रा पर निकलने से पहले लिया था भूख लगने पर रास्ते में उसी को खाया। ये एक माँ कि उसके बेटे के प्रति ममता और इच्छाशक्ति ही थी जो उसने लॉकडाउन के दौरान, हैदराबाद से 1400 किलोमीटर दूर आंध्रप्रदेश में फंसे अपने बेटे को सकुशल घर वापस लाने के लिए स्वयं स्कूटी से जाने का निर्णय लिया।

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