Health

WHO ने बताई कोरोना वायरस COVID-19 को लेकर फैल रहे मिथक (भ्रम) की सच्चाई।

चीन के वुहान प्रान्त से शुरू हुए कोरोना वायरस COVID-19 का कहर इस समय सिर्फ चीन में ही नहीं बल्कि विश्व के कई अन्य देशों में भी देखने को मिल रहा है। कोरोना वायरस को लेकर इंटरनेट पर आजकल तरह-तरह के मैसेज भी फैल रहें हैं। जिनमे से कुछ कोरोना वायरस का इलाज करने का दावा कर रहे हैं तो कुछ कोरोना वायरस को लेकर गलत जानकारियां भी फैला रहे हैं। शायद कोरोना वायरस को लेकर आपने भी अपने सोशल मीडिया पर ऐसे अनेक संदेशों को जरूर पढ़ा होगा। कोरोना को लेकर फैलाये जा रहे ये मैसेज इस कदर आग की तरह सम्पूर्ण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहें कि अब खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को कोरोना वायरस COVID-19 के बारे में इन मिथक (भ्रम) को लेकर सामने आना पड़ा है। हाल ही ने डब्लूएचओ ने कोरोना वायरस के बारे में वायरल हो रहे इन सभी मिथक (भ्रम) के ऊपर अपनी गाइडलाइन जारी की है। जिसमे बताया गया है COVID-19 को लेकर क्या सच है और क्या नहीं।

कोरोना COVID-19 मिथक (भ्र्म)
courtesy google

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कोरोना वायरस COVID-19 को लेकर फैल रहे मिथक (भ्रम) – The myths about coronavirus COVID-19 in hindi

कोरोना से बचाये लहसुन – Garlic treats corona

पिछले कई दिनों में कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर COVID-19 को लेकर यह मिथक (भ्रम) जम कर वायरल हो रहा है कि लहसुन का सेवन करने या लहसुन को अपने साथ जेब में लेकर घूमने पर कोरोना वायरस आपका बाल भी बांका नहीं कर सकता लेकिन WHO की माने तो इसमें बिलकुल सच्चाई नहीं हैं। डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) का कहना है कि इसमें कोई दोराय नहीं कि “लहसुन एक स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ है जिसमें कुछ रोगाणुरोधी गुण मौजूद होते हैं” लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है कि लहसुन खाने से लोगों को COVID-19 से बचाया जा सकता है।

निमोनिया की वैक्सीन कोरोना वायरस में कारगर – Pneumonia vaccine effective in corona virus

कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया फैल रहे मिथक (भ्रम) में निमोनिया की बीमारी के दौरान प्रयोग में लाये जाने वाली वेक्सीन को COVID-19 के इलाज में कारगर बताया जा रहा है। इस पर WHO ने साफ कर दिया है कि निमोनिया के दौरान दी जाने वाली यह वेक्सीन इस नए कोरोना वायरस COVID-19 के खिलाफ असर नहीं करती। शोधकर्ताओं के अनुसार वायरस नया होने के कारण इसकी वेक्सीन बनाने में समय लग रहा है।

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ऐंटिबायॉटिक है कोरोना का इलाज – Antibiotics effective in treating corona

कोरोना वायरस को लेकर इंटरनेट पर यह मिथक (भ्रम) भी फैल रहा है कि यदि आपको कोरोना वायरस हो गया हो या कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हों तो ऐंटिबायॉटिक दवा खाने और इन्जेसक्सन लगवाने से COVID-19 से बचा जा सकता है। WHO ने बताया कि वायरस नया होने के कारण ऐंटिबायॉटिक इस पर कारगर नहीं रहेगा।

सिर्फ बच्चों और बूढ़ों को होता है COVID-19 – Corona affects only older people and kids

कोरोना वायरस को लेकर फैल रहे मिथक (भ्रम) में एक मिथक यह भी बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है कि कोरोना वायरस अपना शिकार सिर्फ बच्चों और बूढ़ों को बनता है। आपको बता दें यह तथ्य सरासर गलत है, WHO के अनुसार कोरोना किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है।

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एल्कोहल और क्लोरीन से बॉडी में स्प्रे करना – Body spray with alcohol and chlorine

COVID-19 को लेकर फैल रहे मिथक (भ्रम) में यह भी कहा जा रहा है कि यदि आप अपनी पूरी बॉडी पर एल्कोहल और क्लोरीन का स्प्रे किया है तो वायरस से आप सुरक्षित हैं। WHO ने बताया कि एल्कोहल और क्लोरीन युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग करने से आप सिर्फ शरीर को बाहर से साफ रख वायरस को आने को रोक सकते हैं लेकिन इससे वायरस को खत्म नहीं किया जा सकता है।

शराब पीने वालों को नहीं होता कोरोना – Drinking alcohol does not cause corona

सोशल मीडिया पर आपने भी COVID-19 वायरस के बारे में इस मिथक (भ्रम) के मैसेज अवश्य पढ़े होंगे कि शराब का सेवन करने वालों को कोरोना नहीं होता। आपको बता दें कि ये बिलकुल झूठ है, WHO ने यह साफ किया कि एल्कोहल और क्लोरीन का प्रयोग आफ सिर्फ सैनिटाइजर कि तरह कर सकते हैं क्योकि इनमें बाहरी जीवाणुओं को मारने कि क्षमता होती है। इसको पीने से आप कोरोना से नहीं बच सकते।

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चाइनीज फूड खाने से होता है कोरोना – Chinese food causes corona

कोरोना वायरस को लेकर इंटरनेट पर चाइनीज फूड ना खाने के भी सलाह दी जा रही है। अभी तक किसी भी रिपोर्ट में यह बात सामने नहीं आयी है कि चाइनीज फूड खाने से आपको COVID-19 संक्रमण होने की संभावना बनी रहती है इसलिए इसे मात्र एक मिथक (भ्रम) ही माना जायेगा।

गाय का गोबर और गोमूत्र से होगा कोरोना का इलाज – Cow dung and cow urine  treats corona

आजकल सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर गाय का गोबर और गोमूत्र के प्रयोग का मिथक (भ्रम) भी बहुत तेजी से फैल रहा है। ये बात अभी तक पूरी तरह से सत्य नहीं कही जा सकती हैं क्योकि अभी तक इससे जुड़ा कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। हालाँकि इसके ऊपर अभी रिसर्च का काम चल रहा है।

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