वायरल फीवर से बचाव के कारगर घरेलु नुस्खे – Viral fever home remedy in hindi.
बरसात के सीजन में मौसम लगातार होने वाले परिवर्तन के कारण वायरल फीवर के हो जाने की सम्भावना किसी भी अन्य बीमारी के मुकाबले कहीं गुना अधिक बड़ जाती है। वायरल की शुरुआत होती तो गले में दर्द, खरास के साथ है लेकिन जल्द ही ये वॉयरल फीवर हमारे पूरे शरीर पर असर दिखाने लगता है और इसके चलते मरीज को सर्दी, जुकाम, आँखों में जलन, सर में भारी पन, गले में खरास, उलटी, शरीर में दर्द, कमजोरी और तेज बुखार हो जाता है।
वायरल फीवर बच्चों से लेकर वृद्ध तक हर उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है और इसकी कोई निश्चित अवधि भी नहीं होती। सामान्यतः यह बुखार 3 दिन से लेकर 7 दिनों तक प्रभावी रहता है लेकिन अगर आपने समय रहते किसी अच्छे चिकित्स्क से परामर्श नहीं किया तो ये बुखार बिगड़ भी सकता है।
अगर आपको भी नीचे बताए गए लक्षणों में से कोई लक्षण अपने शरीर में नजर आते हैं तो कुछ प्राकृतिक उपाय की मदद से आप इसे काफी हद तक कंट्रोल कर सकतें हैं आईये डालते हैं एक नजर वायरल फीवर की रोकथाम के लिए अपनाए जाने वाले कारगर घरेलू नुस्खों पर।
बरसात के मौसम में इन फल और सब्जियों का सेवन आपको रखेगा बीमारियों से दूर।
Contents
वायरल फीवर के लक्षण – Viral fever symptoms in hindi
* गले में दर्द
* सर्दी जुकाम
* बॉडी में दर्द
* सर में भारीपन
* उलटी
* आँखों में जलन
* आँखों में दर्द
* आँखों से पानी बहना
* बुखार
* नाक बहना
* छाती में कफ बनना
* खांसी
* कमजोरी
* भूख ना लगना
बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियां और उनसे बचाव के तरीके।
वायरल फीवर से बचाव के कारगर घरेलु नुस्खे – Viral fever home remedy in hindi
गिलोय –
सामान्य बुखार, वायरल फीवर और डेंगू जैसी बिमारियों में गिलोय एक रामबाण औषधि का काम करता है। इसका प्रयोग करने के लिए आप गिलोय की जड़ों को उबाल कर काढ़ा बना कर नित्य सुबह और शाम 4 से 5 दिनों तक लगातार इसका सेवन करें, ये आपके बुखार से लड़ने में काफी असरदार साबित होगा। इसके आलावा गिलोय ब्लड प्लेटलेट काउंट्स को बढ़ाने का काम भी करता है।
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धनिया पानी –
विटामिन और एंटीबायोटिक्स गुणों से भरपूर धनिया हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। ये हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करता है जिस के परिणामस्वरूप शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली मजबूत हो जाती है। इसका उपयोग करने के लिए आप धनिये के कुछ बीज लीजिए और उनको एक गिलास पानी में डाल कर कुछ देर तक उबाल लीजिये और पानी को गुनगुना हो जाने पर पी लीजिए। बेहतर परिणाम के लिए आप इसमें एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं।
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सौंठ और हल्दी –
इस नुस्खे को अपनाने के लिए आपको आधा चम्मच हल्दी पावडर और एक टेबल स्पून सौंठ पावडर को एक गिलास पानी में मिला कर गर्म करना है और जब पानी सूख कर आधा रह जाये तो इसे गैस से उतार कर सामान्य तापमान पर आने दें और इस काढ़े को पी लें इससे आपको काफी राहत मिलेगी। बेहतर परिणाम के लिए आप इसमें थोड़ी सा काली मिर्च पाउडर भी मिला सकते हैं।
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अदरक –
*सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार से निजात पाने के लिए अदरक काफी बेहतर दवा का काम करता है। इसका प्रयोग करने के लिए आपको थोड़ा सा अदरक लेना है इसको क्रश करके एक गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक की पानी सूख कर आधा न रह जाये। अब इसे आंच से उतार लीजिए और इसके गुनगुना होने तक इंतजार कीजिए और इसमें आधे नीबू का रस मिलाकर पी लीजिए।
*इसके अलावा आप अदरक का इस्तेमाल शहद के साथ भी कर सकते हैं इसके लिए आपको चाहिए थोड़ा सा क्रश किया हुआ अदरक का रस और एक टेबल स्पून शुद्ध शहद इनको परस्पर मिला कर चाटने से इन सभी बिमारियों में लाभ मिलता है।
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तुलसी –
औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी का पौंधा शरीर के अंदर प्रवेश कर चुके वायरस से लड़ने में सक्षम होता है । इसके एंटीबॉयोटिक और ऐंटीबैक्टीरियल गुण वायरल फीवर से लड़ने में सक्षम होते हैं। आपको बस इतना करना है की 10 से 12 तुलसी के पत्तों को थोड़े से लौंग, काली मिर्च पाउडर और अदरक के साथ पैन में एक गिलास पानी लेकर उबाल लेना है और जब ये पानी सुख कर आधा रह जाये तो इसे आंच से उतार लें और हल्का गर्म रहते हुए पी जाएँ।
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किशमिश –
एक कप पानी में 2-3 किशमिश डाल कर आधे घंटे के लिए छोड़ दीजिए, समय पूरा हो जाने के साथ किशमिश पानी में ही फूल जाती हैं। अब इन किशमिश को इसी पानी में पीस कर इसमें एक चम्मच नीबू का रस मिलाकर पी जाएँ।
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मेथी पानी –
आधा टेबल स्पून मेथी दानों को एक कप पानी में डालकर रातभर भीगने के लिए छोड़ दीजिए और सुबह उठकर इस पानी को छानकर पी जाएँ।
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