वैज्ञानिकों ने बनाया ऐसा एयर फिल्टर जो हवा में ही खत्म कर देगा कोरोना वायरस।
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकना आज संपूर्ण विश्व के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। वायरस प्रसार की शुरुआत के साथ ही वैज्ञानिक इसकी रोकथाम के लिए वैक्सीन निर्माण की दिशा में अग्रसर हैं। लेकिन अभी तक कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए ऐसी कोई वैक्सीन नहीं बन पायी, जो इसके शत प्रतिसशत इलाज का दावा करती हो। वायरस से बचने के लिए वैज्ञानिक सिर्फ वैक्सीन ही नहीं बल्कि अन्य तरीकों पर भी शोध कर रहें हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एयर फिल्टर बनाने का दावा किया है जो कोरोना वायरस को हवा में ही खत्म कर देता है। बता दें कि कुछ दिनों पहले 32 देशों के वैज्ञानिको ने कोरोना वायरस का प्रसार हवा के माध्यम से फैलने की बात को सामने रखा था, जिस पर बाद में WHO ने सहमति जताई थी। ऐसे में वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया यह एयर फिल्टर कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में कितना कारगर रहेगा, यह एक देखने वाली बात होगी।
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कोरोना एयर फिल्टर को लेकर क्या कहता है वैज्ञानिकों का दावा –
हाल ही में जर्नल मैटरियल्स टुडे फिजिक्स (Materials Today Physics) में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबित इस एयर फिल्टर के अंदर से गुजरने वाली हवा में एक बारी में 99.8 फीसदी नोवल कोरोना वायरस को समाप्त कर करने की क्षमता है। इस एयर फिल्टर का निर्माण कमर्शियल कार्यों के लिए उपयोग में लाए जाने वाले निकेल फोम (Nickel Foam) के द्वारा किया गया है। यह फिल्टर 200 डिग्री सेल्सियस तापमान तक गर्म होता है और हवा में मौजूद वायरस को मारने का काम करता है। इस स्टडी में यह भी बताया गया कि कोरोना वायरस के खात्मे को लेकर डिजाइन किया गया यह एयर फिल्टर घातक जीवाणु बैसिलस एन्थ्रेसिस के 99.9 प्रतिशत बीजाणु को नष्ट करने में सक्षम है। बता दें कि बैसिलस एन्थ्रेसिस से एन्थ्रेक्स नामक बीमारी होती है।
किन जगहों पर हो सकता है इस्तेमाल –
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन (University of Houston) कि स्टडी में शामिल झिफेंग रेन (Zhifeng Ren) के मुताबिक यह एयर फिल्टर ऑफिस बिल्डिंगस, स्कूलों, संस्थानों, क्रूज जहाजों, एयरपोर्ट, फ्लाइट आदि सार्वजनिक जगहों में कोरोना महामारी को फैलने से रोकने में कारगर सिद्ध हो सकता है। उन्होंने कहा कि वायरस को फैलने से रोकने में मदद करने की इसकी क्षमता समाज के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है।
कहाँ से आया ऐसा अनोखा फिल्टर बनाने का आइडिया –
वैज्ञानिकों के अनुसार जिस जगह पर एसी लगा होता है, वहां कोरोना वायरस हवा में लगभग 3 घंटे तक रह सकता है तो एक ऐसा फिल्टर बनाने की योजना थी, जो इसे जल्द खत्म करने में सक्षम हो। साथ ही विश्वभर में लॉकडाउन खुलने के बाद फिर से कामकाज शुरू होने के कारण वैज्ञानिकों का मानना है कि बंद स्थानों में कोरोना वायरस को नियंत्रित करना अत्यंत जरूरी है।
32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने किया था दावा –
हाल ही में विश्व के 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर दावा किया था कि वायरस का प्रसार हवा के माध्यम (Airborne Covid-19) से भी संभव है। जिसे लेकर 32 देशों के वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO को एक ओपन लेटर भी लिखा था। जिस पर अब WHO ने अपनी सहमति भर दी है।
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