Health

अमेरिका की बायोटेक फर्म इनोवियो का दावा ह्यूमन ट्रायल सफल, जल्द मिलेगी विश्व को वैक्सीन।

कोरोना वायरस का प्रकोप पिछले लम्बे समय से सम्पूर्ण विश्व में जारी है। वायरस की बढ़ती रफ्तार पर अंकुश लगाने के लिए विश्वभर के वैज्ञानिक पिछले लम्बे समय से लगातार शोध कार्य में जुटे हुए हैं। वायरस की वैक्सीन को लेकर कई देशों के वैज्ञानिकों ने दावा भी किया है कि वो वायरस की सफल वैक्सीन ईजाद करने से बस कुछ ही कदमो की दूरी पर हैं। वायरस के चलते सम्पूर्ण विश्व में 1 करोड़ से अधिक लोग अब तक संक्रमित हो चुके हैं और 5 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में सम्पूर्ण विश्व को इंतजार है एक ऐसी कारगर वैक्सीन की जो वायरस को खत्म करने का काम करे। खैर ये तो आने वाला समय बताएगा कि वैक्सीन के लिए अभी और कितना इंतजार करना होगा। बहरहाल इस समय कि अच्छी खबर अमेरिका से आ रही है। अमेरिका की बायोटेक फर्म इनोवियो (Inovio) ने दावा किया है कि कोरोना वायरस वैक्सीन के परीक्षण के दौरान जो रिजल्ट मिले हैं वे उत्साहवर्द्धक रहे। अमेरिका की बायोटेक फर्म इनोवियो के मुताबिक INO-4800 नाम की वैक्सीन का 40 लोगों ट्रायल किया गया इस दौरान 94 फीसदी नतीजे सफल रहे।

बायोटेक फर्म इनोवियो
courtesy google

कोरोना वायरस की वैक्सीन पर काम कर रही अमेरिका की बायोटेक फर्म इनोवियो के मुताबिक वैक्सीन का पहले चरण का क्लिनिल ट्रायल फेज पूरा हो चुका है। कम्पनी के मुताबिक जिन 40 लोगों के ऊपर परीक्षण किया गया उनमें 18 से 50 वर्ष के लोग शामिल थे। जिन्हें चार हफ्तों में दो इंजेक्शन लगाए जाते थे। कम्पनी ने ऐसे INO-4800 नाम दिया है। अमेरिका की बायोटेक फर्म इनोवियो कम्पनी के सीईओ जोसेफ किम ने कहा कि इनोवियो की वैक्सीन एकमात्र ऐसी डीएनए वैक्सीन है, जो रूम टेम्प्रेचर पर एक वर्ष से अधिक समय तक स्थिर रहती है। इसे कई वर्षों तक ट्रांसपोर्टेश और स्टोरेज लिए रेफ्रिजिरेशन की जरूरत नहीं होती है।

वैक्सीन करेगी इम्युनिटी बूस्टर का काम
अमेरिका की बायोटेक फर्म इनोवियो वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल में यह बात निकल कर सामने आयी कि इसने संक्रमित मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कार्य किया है। साथ ही रिसर्च में यह बात भी निकल कर सामने आयी की वैक्सीन के प्रयोग का कोई भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।

जेनेटिक कोड से बनाया डीएनए वैक्सीन
अमेरिका की बायोटेक फर्म इनोवियो कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट केट ब्रॉडरिक के अनुसार, 10 जनवरी को चीन के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 का जेनेटिक कोड जारी किया तो हमारी टीम ने उस सीक्वेंस को सॉफ्टवेयर के जरिए कोड किया और फॉर्मूला तैयार कर लिया। यह DNA वैक्सीन कोविड-19 के स्पाइक प्रोटीन को पहचान कर उसी के जैसे एक प्रोटीन का निर्माण कर वायरस को चकमा देती है। जैसे ही वायरस उस प्रोटीन के समीप जाता है तो वह वैक्सीन के प्रभाव से निष्क्रिय हो जाएगा।

विश्वभर में 120 से अधिक वैक्सीन के ऊपर चल रहा है काम
बता दें कि विश्व भर में 120 से अधिक वैक्सीन के ऊपर कार्य चल रहा है। जिनमें से 13 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के फेज में पहुंच चुकी हैं। अभी तक चीन में 5, ब्रिटेन में 2, अमेरिका में 3, रूस ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी में 1-1 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल फेज में हैं।

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