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पतंजलि ने बनाई कोरोना वायरस की दवा ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’, जाने इसके बारे में सब कुछ।

अब से कुछ दिनों पहले स्वदेशी आयुर्वेदिक कम्पनी पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishn) ने कोरोना वायरस की सफल दवा बनाने का दावा किया था। आचार्य बालकृष्ण ने कोरोना वायरस की दवा को लेकर यह भी कहा था कि जल्द ही विश्व के सामने पतंजलि की कोरोना दवा आने वाली है। इसी उपलक्क्ष में आज दोपहर 12 बजे पहली बार देश और दुनिया के सामने पतंजलि आयुर्वेद ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ (Divya Coronil Tablet) को लांच करेगी। इसके लांच के साथ ही योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्‍ण इस दवा के क्लिनिकल ट्रायल को भी लोगों के साथ साझा करंगे। पतंजलि आयुर्वेद की ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार में किया जा रहा है।

आचार्य बालकृष्‍ण ने ट्वीट कर दी जानकारी
‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ के बारे में पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्‍ण ने ट्वीट कर कहा ” कोरोना की एविडेंस बेस्ड प्रथम आयुर्वेदिक औषधि, श्वासारि_वटी, कोरोनिल का संपूर्ण साइंटिफिक डॉक्यूमेंट के साथ कल दोपहर 12 बजे पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से लॉन्च कर रहे है। “

बाबा रामदेव कर सकते हैं दवा को लॉन्च
पतंजलि की तरफ से आज योग गुरु बाबा रामदेव कोरोना वायरस के इलाज के लिए बनी पहली स्वदेशी आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल को लॉन्च कर सकते हैं। इसके साथ ही आज हरिद्वार में योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण पतंजलि आयुर्वेद की औषधि ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ का कोविड-19 मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल के परिणामों के नतीजों के बारे में भी बातएंगे।

बाल कृष्ण का दावा
आचार्य बालकृष्ण ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पंतजलि द्वारा बनाई गयी दवा के बारे में दावा करते हुए कहा कि हमने स्टडी के आधार पर हर तरह के कोरोना संक्रमित मरीजों पर इसका टेस्ट किया जिसमे हमें 100 फीसदी प्रभावी रिजल्ट मिले हैं। बालकृष्ण के मुताबिक इसके प्रयोग के दौरान 70 से 80 प्रतिशत लोग महज 5 से 6 दिन के अंदर स्वस्थ्य हो गए थे।

किन जड़ी बूटियों से बनी है कोरोनिल
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक इस दवा में अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस व अणु तेल हैं। इनका मिश्रण और अनुपात शोध के परिणामों के आधार पर तय किया गया है। बालकृष्ण के मुताबिक यह दवा अपने प्रयोग, इलाज और प्रभाव के आधार पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रमुख संस्थानों, जर्नल आदि से प्रामाणिक है। अमेरिका के बायोमेडिसिन फार्माकोथेरेपी इंटरनेशनल जर्नल में इस शोध का प्रकाशन भी हो चुका है।

कैसे करती है काम
पतंजलि आयुर्वेद की ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ नाम से आने वाली इस दवा में मौजूद अश्‍वगंधा से कोरोना वायरस के RBD को शरीर के ऐंजियोटेंसिन-कन्‍वर्टिंग एंजाइम (ACE) से नहीं मिलने देता। जिसके परिणाम स्वरूप कोविड-19 शरीर की स्‍वस्‍थ्‍य कोशिकाओं को अपना शिकार नहीं बना पाता है। इसमें मौजूद गिलोग संक्रमण को रोकने का कार्य करता है। दवा में मौजूद तुलसी कोरोना वायरस के RNA पर अटैक करती है और उसे मल्‍टीप्‍लाई होने से रोकती है।

अब तक ये देश कर चुके हैं कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा –

पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने किया कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा।

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