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कोरोना: आयुष मंत्रालय ने प्रदान की चार दवाईयों को कोरोना संक्रमण के इलाज हेतु ट्रायल की अनुमति।

कोरोना वायरस का संक्रमण वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ते जा रहा है जो कि हर देश के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। हमारे देश भारत की बात करें तो लॉकडाउन में शर्तों के साथ छूट मिलने के बाद देश में कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। पिछले 3 दिन के अंदर देश में 11 हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मामले सामने आये हैं। इन मामलों के सामने आने के बाद देश में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 56 हजार से अधिक हो गयी है। हालाँकि इन सब के बीच अच्छी खबर यह है कि अब तक 16 हजार से अधिक लोग कोरोना वायरस संक्रमण से पूर्णतः ठीक हो गए हैं। देश में तेजी से बड़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच आयुष मंत्रालय ने चार दवाईयों को कोरोना संक्रमण के खिलाफ इलाज हेतु क्लिनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी दी है। बता दें कि ये सभी आयुर्वेदिक दवाईयाँ हैं और आयुष मंत्रालय इन चार दवाईयों के जरिए कोरोना मरीजों पर ट्रायल की तैयारी कर रहा है।


कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए अब हमारे देश ने भी कमर कस ली है और चार दवाईयों को कोरोना संक्रमण के इलाज हेतु क्लिनिक्ल ट्रायल के लिए मंजूरी दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 हर्षवर्धन (Dr Harshvardhan) के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए विश्व के सभी देश परेशानी में हैं। ऐसे में भारत ने भी कोरोना से जंग लड़ने की तैयारी कर ली है, अपने बयान में उन्होंने कहा कि भारत ने कोरोना से जंग जितने के लिए आयुर्वेद की चार दवाईयों का कोरोना मरीजों पर ट्रायल करने जा रहा है। यह ट्रायल 12 हफ्तों तक चलेगा और इसके तहत 1000 मरीजों पर अध्ययन किया जाएगा।
आयुष मंत्रालय द्वारा किये जाने वाला यह ट्रायल CSIR और ICMR के साथ मिलकर संयुक्त रूप से किया जा रहा है। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने ICMR और CSIR के साथ मिलकर तीन तरह के अध्ययन करे और इसकी मदद से आयुष दवाइयों अश्वगंधा, यष्टिमधु, गुडुची पिपाली और आयुष-64 का ICMR के तकनीकी सपोर्ट के साथ क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो गया है। उन्होंने ये भी बताया कि अभी इसका ट्रायल ऐसे लोग जो क्वारंटीन में हैं या ऐसे क्षेत्र जो हाई रिस्क पापुलेशन वाले हॉट स्पॉट जोन हैं, उन क्षत्रों में व्यापक पैमाने पर स्टडी की जा रही है।

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ। हर्षवर्धन ने अपने बयान में कहा कि ऐसे सभी चिकित्साकर्मियों और हॉट स्पॉट जोन में काम कर रहे लोगों पर आयुष मंत्रालय की चार दवाईयों अश्‍वगंधा, यष्टिमधु, गुरुच पीप्ली, आयुष-64 का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 हर्षवर्धन ने कहा कि आयुर्वेद में रोगों से लड़ने की आपार क्षमता मौजूद है। जिसका सही इस्तेमाल देश और दुनिया के लिए अभी तक हो नहीं पाया। उन्होंने कहा कि हम देश और सम्पूर्ण विश्व के सामने आयुर्वेद की महानता को नए आधुनिक और वैज्ञानिक माध्यम से सिद्ध करके प्रस्तुत करेंगे।

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