Karwa chauth puja vidhi : जानिए करवा चौथ पूजा विधि के बारे में।
pinks tea - October 18, 2021 549 0 COMMENTS
Karwa chauth puja vidhi…क्या आप भी अपने पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत रखने वाली हैं। यदि हाँ तो आपको अपने व्रत को सफल बनाने के लिए करवा चौथ पूजा विधि के बारे में जान लेना चाहिए। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी करवा चौथ का पर्व अब से कुछ दिनों बाद आने वाला है। इस साल यानि वर्ष 2021 में करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा। करवा चौथ का यह पर्व करोड़ों भारतीय महिलाओं की आस्था का प्रतीक है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रख कठोर तप करती हैं। तथा रात्रि में चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत का पारण करती हैं। वर्ष 2021 की बात करें तो इस वर्ष 24 अक्टूबर को रात 11.35 मिनट तक वरियान योग रहेगा। ऐसा माना जा रहा है कि इस योग में किए गए सभी कार्यों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ेगी। करवा चौथ को करक चतुर्थी और दशरथ चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। आईये जानते हैं वर्ष 2021 करवा चौथ मुहर्त और करवा चौथ पूजा विधि (Karwa chauth puja vidhi) के बारे में।

Contents
करवा चौथ 2021 व्रत दिवस – Karwa chauth 2021 date.
- 24 अक्टूबर, 2021 (रविवार)
करवा चौथ मुहर्त – Karwa Chauth 2021 Muhurt.
- पूजा मुहूर्त (चतुर्थी तिथि प्रारम्भ) – 5:43 मिनट से लेकर 6:50 मिनट तक
- पूजा की अवधि (चतुर्थी तिथि समाप्त) – 1 घंटे 7 मिनट
- चन्द्रोदय समय – 8:7 मिनट
करवा चौथ व्रत विधि : Karwa Chauth Vrat Vidhi.
करवा चौथ की पूजन सामग्री – Karwa chauth puja samagri.
करवा चौथ पूजा विधि से पहले जान लेते हैं पूजा में प्रयोग होने वाली सभी सामग्रियों की लिस्ट। करवा चौथ पूजा के लिए आपको जरूरत होती है फूल, कुंकुम, अगरबत्ती, शहद, कच्चा दूध, शुद्ध घी, चंदन, दही, चावल, चुनरी, सिन्दूर, चूड़ी, कंघा, बिंदी, बिछुआ, मिट्टी का करवा, मेंहदी, मिठाई, गेहूँ, शक्कर, रुई, कपूर, दीपक, छलनी, गंगाजल, पानी का लोटा, लकड़ी का आसन, हल्दी, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, मेंहदी, महावर, हलुआ, आठ पूरियों की अठावरी और
दक्षिणा के लिए पैसे।
कुंवारी लड़कियां ऐसे करें करवा चौथ का व्रत..भूल कर भी ना करें ये गलतियां।
करवा चौथ पूजा विधि – Karwa chauth puja vidhi.
- व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म करें उसके बाद स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद ‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये’ मंत्र के साथ व्रत का संकल्प लें और इस दिन निर्जला रहें।
- इसके बाद अपने पूजा स्थल पर मौजूद मंदिर की दिवार पर गेरू से फलक बनाकर चावल को पीसें और इससे करवा को चित्रित करें। इस विधि को करवा धरना कहा जाता है।
- पीली मिट्टी से मां पार्वती की मूर्ति बनाएं और उनकी गोद में गणेशजी को विराजमान करें।
- इसके बाद मां पार्वती को लकडी के सिहांसन पर बिठाएं और और सुंदर वस्त्रों और श्रृंगार की चीजों से उन्हें सजाएं।
- अब करवे में जल भरकर करवा चौथ व्रत की कथा सुनें या पढ़ें।
- इसके बाद भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करें।
- चाँद के दिखने का इंतजार करें।
- चाँद दिखने बाद उसकी पूजा कर अर्घ्य दें।
- ध्यान रहे इस पूरे व्रत के दौरान आपको निर्जला व्रत रखना होगा। इसलिए न कुछ खाएं न पिएं।
- पूजा समाप्ति के बाद पति के हाथ से पानी पीकर या निवाला खाकर अपना करवा चौथ का व्रत खोल लें।
- पूजा समाप्ति के बाद घर के बाद अपने पति, सास, ससुर और घर के बड़े बूढ़ों के पैर छू कर उनका आशीर्वाद ग्रहण करें।
करवा चौथ व्रत कथा – Karwa Chauth Vrat Katha.
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