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करवा चौथ व्रत विधि : Karwa chauth vrat vidhi.

Karwa chauth vrat vidhi…हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को देश भर में करवा चौथ का पर्व मनाया मनाया जाएगा। करवा चौथ के व्रत का हिन्दू धर्म की सुहागन महिलाओं के लिए खास महत्व होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति परमेरश्वर की दीर्घायु की कामना हेतु निर्जल व्रत रखती हैं। (Karwa chauth vrat vidhi) करवा चौथ के इस पर्व में श्रृंगार की खास महत्त्वता होती है। इस दिन मिहलाएं सोलह श्रृंगार कर सजती हैं और हाथों में सुंदर-सुंदर मेहँदी के डिजाइन बनवाती हैं। हिन्दू धर्म के रीति-रिवाजों के अनुसार इस दिन शिवजी के पूरे परिवार शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और नंदी का पूजन किया जाता है। सुहागिन महिलाएं व्रत तोड़ने से पहले चंद्रमा को अर्ध्य देती हैं। यदि आप नई नेवली दुल्हन हैं और पहली बार अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत ले रही हैं तो आपको (Karwa chauth vrat vidhi) करवा चौथ व्रत विधि के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं करवा चौथ व्रत विधि।

Karwa chauth vrat vidhi

Contents

(Karwa chauth vrat vidhi) करवा चौथ पूजा थाली की सामग्री-

मिट्टी का करवा (टोंटी वाला) और ढक्कन, छलनी, धूप या अगरबत्ती, रूई की बत्ती, रोली, अक्षत, कुमकुम, करवा चौथ कैलेंडर, सिंदूर, मिठाईयां, फल, फूल, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी के 5 डेले, आटे का दीया, कांस की तीलियां, दीपक, शहद, चीनी, लकड़ी का आसन, चंदन, जल, दही, गंगाजल, कच्चा दूध, आठ पूरियों की अठावरी, देसी घी, हलवा और दक्षिणा।

करवा चौथ व्रत कथा – Karwa chauth vrat katha

(Karwa chauth vrat vidhi ) करवा चौथ के 16 श्रृंगार –

अपने मन पंसद की साड़ी या लहंगा या जो ऑउटफिट आपको पसंद हो, मंगलसूत्र, नथनी, काजल, सिंदूर, गजरा, बिंदी, अंगूठी, मेहंदी, ईयररिंग्स, बिछिया, मांग टीका, चूड़ियां, बाजूबंद, कमरबंद और पायल।

करवा चौथ मैया की आरती : Karwa chauth maiya ki aarti

करवा चौथ व्रत विधि : Karwa chauth vrat vidhi

  • व्रत वाले दिन सुबह नहाने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का सुभारंभ करें- ‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।’
  • सबसे पहले चौकी पर एक नया लाल कपड़ा बिछाएं।
  • फिर चौकी पर चौथ माता या करवा मां की प्रतिमा रखें। कुछ क्षेत्रों में, देवी पार्वती, जिन्हें अखण्ड सौभाग्यवती कहा जाता है, की पूजा की जाती है। भक्त पूजा के दौरान भगवान शिव, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की पूजा भी करते हैं।
  • प्रतिमा के बाईं ओर कुछ कच्चे चावल फैलाएं।
  • फिर चावलों के ऊपर पानी से भरा करवा (मिट्टी का घड़ा) रखें।
  • फिर इसे ढक्कन से ढक दें।
  • ढक्कन पर थोड़ी चीनी डालें और फिर ढक्कन पर घी से भरा हुआ मिट्टी का दीपक रखें।
  • करवा मां का तिलक कुमकुम से करें और कुछ अष्टक लगाएं।
  • फिर करवा का तिलक करें और उस पर कुछ अक्षत डालें।
  • अब एक और कलश लें और इसे करवा मां की प्रतिमा के दाईं ओर पानी के साथ रखें। यह जल सूर्य देव (सूर्य देव) को अर्घ्य अर्पित करेगा।
  • फिर पंचोपचार पूजा करें। गंधम, पुष्पम, दीपम, धूप और नैवेद्य (फल और मिठाई) मुख्य देवता को अर्पित करें।
  • करवा चौथ व्रत कथा पढ़ें।
  • आरती कर पूजा का समापन करें।

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