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Period late aane ke karan : पीरियड लेट होने के कारण/पीरियड्स नहीं आने के कारण।

Period nahi aane ke karan…क्या आपकी डेट निकल जाने के बावजूद आपको अभी तक पीरियड्स नहीं हुए। पीरियड्स लेट होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। यदि आप एक महिला हैं तो आप पीरियड्स की अहमियत से अच्छी तरह परिचित होंगी। यदि कभी किसी कारण आपकी पीरियड की डेट निकल जाए और पीरियड्स न हो तो चिंतित होना बहुत स्वाभाविक बात है। आमतौर पर एक स्वस्थ्य महिला को हर माह में 21 से 35 दिन के अंतराल में मासिक धर्म हो जाने चाहिए। हालाँकि इनकी डेट में थोड़ा बहुत अंतर् होना बहुत सामान्य बात है। लेकिन यदि आपकी मासिक धर्म की डेट निकले हुए बहुत अधिक दिन हो गए और आपको अभी तक पीरियड्स नहीं हुए तो यह बेहद चिंता का विषय होता है। पीरियड्स लेट होने (Period nahi aane ke karan) या नहीं होने के कई कारण हो सकते हैं। इस विषय में आपको चिकित्सीय सलाह अनिवार्य रूप से लेनी चाहिए। आईये जानते हैं मासिक धर्म लेट होने के पीछे कौन से कारण जिम्मेदार हो सकते हैं?

पीरियड्स लेट होने
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Contents

पीरियड्स लेट होने के कारण/पीरियड्स नहीं आने के कारण (period late aane ke karan) – Late period reason in hindi

गर्भावस्था –

पीरियड नहीं आने के पीछे का सबसे बड़ा कारण है प्रेग्नेंसी। एक बार यदि आप प्रेग्नेंट हो जाती हैं तो आपको गर्भावस्था के दौरान पूरे नौ महीनों तक पीरियड्स नहीं आएंगे। हालाँकि इस दौरान कई बार आपको हल्की ब्लीडिंग हो सकती है लेकिन इसे मासिक धर्म नहीं माना जायेगा।

स्तनपान –

यदि आप अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाती हैं तो आपको भी इस प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता होगा। ऐसा भी देखा गया है कि स्तनपान करवाने महिलाओं को नियमित मासिक धर्म आने तब तक शुरू नहीं होते जब तक वह बच्चे को स्तनपान कराना बंद नहीं कर देती हैं।

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मेनोपॉज –

इस प्रकार कि समस्या एक निश्चित उम्र के बाद आना शुरू होती है। जब महिलाएं 40 से 45 साल की उम्र के आस-पास पहुँचती हैं तब उनके शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं। जिनके कारण पीरियड्स आना बंद हो सकता है। यदि यह प्रक्रिया समय से पहले हो जाए तो इसे प्री-मेनोपॉज कहा जाता है।

पीरियड्स लेट होने के कारण – (period late aane ke karan) – Late period reason in hindi.

तनाव –

कई बार मासिक धर्म में अनियमिता का कारण तनाव भी हो सकता है। किसी भी तरह का शारीरिक व मानसिक स्ट्रेस आपके पीरियड की डेट को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है और आपको इनमें अनियमितता देखने को मिल सकती है। इसलिए योग करें मेडिटेशन करें और स्ट्रेस फ्री लाइफ जियें।

वजन का घटना या बढ़ना –

सुनने में भले ही आपको यह थोड़ा अजीब जरूर लग सकता है। लेकिन आपको बता दें कि वजन में आया अचानक परिवर्तन भी पीरियड लेट होने का कारण बन सकता है। इसलिए अपने वजन को हमेशा मेंटेन कर के चलें। बाहर का कुछ भी खाने कि बजाय घर में बना पोषक तत्वों से भरपूर भोजन ग्रहण करें।

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बीमारी –

कई बिमारियों के चलते भी पीरियड्स में अनियमितता देखने को मिलती है। कई बार लम्बे समय तक चलने वाली बिमारियों के कारण भी मेंस्ट्रुअल साइकिल में बदलाव आ सकता है। हालाँकि यह बदलाव लम्बे समय तक नहीं रहते। बीमारी से रिकवर होने के साथ-साथ ये समस्याएं भी दूर होते रहती हैं।

गर्भनिरोधक गोलियां –

यदि आप किसी कारण बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना शुरू कर रही हैं तो आपको इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन ओव्यूलेशन प्रक्रिया को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं। इस प्रकार की दवाइयों का सेवन पीरियड लेट होने या नहीं होने का मुख्य कारण बनता है।

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थायराइड व शुगर की समस्या –

कई मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि जो महिलाएं डायबिटीज की समस्या से जूझ रही हैं उन्हें भी परियड्स आगे या पीछे हो सकते हैं। इसके अलावा थायराइड की समस्या भी मेंस्ट्रुअल साइकिल में बदलाव कर सकती है। यदि शरीर में जरूरी मात्रा में थायराइड हार्मोन नहीं बने, तो शरीर में हार्मोन का स्तर बिगड़ सकता है। जिस कारण ऐसा भी हो सकता है कि आपके पीरियड मिस हो जाएँ। ऐसी समस्या होने पर चिकित्सक से सम्पर्क करें।

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