
Types of arthritis in hindi…आर्थराइटिस यानी गठिया की समस्या आज के समय में न सिर्फ बड़े-बुजुर्गों को अपनी चपेट में ले रही है बल्कि आज युवा पीढ़ी भी इसकी चपेट में आने लगी है। आर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति को जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न जैसी समस्या रहती है। आमतौर पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह बीमारी ज्यादा देखने को मिलती है। आर्थराइटिस को सामान्य भाषा में गठिया के नाम से भी जाना जाना जाता है। आर्थराइटिस यानी गठिया के 100 से ज्यादा प्रकार मौजूद हैं। जिनमे से कुछ बहुत ज्यादा कॉमन हैं। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे कुछ कॉमन (Types of arthritis in hindi) आर्थराइटिस के प्रकार और उनके बारे में।

Contents
- 1 आर्थराइटिस यानी गठिया के प्रकार : Types of arthritis in hindi
- 1.1 रूमेटॉयड आर्थराइटिस : Rumetoid Arthritis in hindi –
- 1.2 ऑस्टियो आर्थराइटिस : Osteo Arthritis in hindi –
- 1.3 पोलिमायलगिया रूमेटिका : Polymyalgia rheumatica in hindi –
- 1.4 एनकायलाजिंग स्पॉन्डिलाइटिस : Ankylosing spondylitis in hindi –
- 1.5 रिएक्टिव आर्थराइटिस : Reactive Arthritis in hindi –
- 1.6 सोराइटिक आर्थराइटिस : Psoriatic Arthritis in hindi –
- 1.7 थंब आर्थराइटिस : Thumb arthritis in hindi –
- 1.8 जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस : Juvenile idiopathic arthritis in hindi –
आर्थराइटिस यानी गठिया के प्रकार : Types of arthritis in hindi
रूमेटॉयड आर्थराइटिस : Rumetoid Arthritis in hindi –
यह आर्थराइटिस यानी गठिया का बहुत सामान्य प्रकार होता है। यह बढ़ती उम्र के साथ होने वाला गठिया है। 40 से 50 साल से अधिक की उम्र वाले लोगों को रूमेटॉयड आर्थराइटिस का सबसे अधिक खतरा होता है। इससे पीड़ित व्यक्ति के जोड़ो में दर्द के साथ-साथ कई बार सूजन की समस्या भी रहती है। कई बार व्यक्ति का यह दर्द असहनीय हो जाता है और उसे उठने-बैठने में काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। यह ऑटोइम्यूनिटी से जुडी एक बीमारी है। इसका समय रहते उपचार करना बेहद जरूरी होता है।
ऑस्टियो आर्थराइटिस : Osteo Arthritis in hindi –
यह बढ़ती उम्र के साथ होने वाला आर्थराइटिस यानी गठिया है। यह व्यक्ति के कार्टिलेज पर सबसे ज्यादा असर डालता है। यह घुटनों पर सबसे ज्यादा असर दिखता है। इससे पीड़ित व्यक्ति के कार्टिलेज घिसने या टूटने लगते हैं। जिससे व्यक्ति को चलने-फिरने और घुटनों को मोड़ने में अत्यंत परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा व्यक्ति के घुटने में दर्द और सूजन की समस्या हो जाती है।
पोलिमायलगिया रूमेटिका : Polymyalgia rheumatica in hindi –
यह बढ़ती उम्र के साथ होने वाला एक गठिया है। इसमें व्यक्ति को गर्दन, कमर, कूल्हे और कंधे में दर्द होता है। अक्सर यह दर्द इतना तेज होता है कि व्यक्ति अपने इन अंगों को सही तरीके से घुमाने में असमर्थ हो जाता है। यदि समय रहते आप बीमारी कि पहचान कर इलाज करवा लेते हैं तो यह ठीक हो सकता है। लेकिन देरी करने पर यह गंभीर और लाइलाज हो सकता है।
आर्थराइटिस, कमर दर्द की समस्या से राहत दिलाते हैं ये खास योगासन ।
एनकायलाजिंग स्पॉन्डिलाइटिस : Ankylosing spondylitis in hindi –
स्पॉन्डिलाइटिस (एएस) गठिया का एक दुर्लभ प्रकार है जो आपकी रीढ़ में दर्द और कठोरता का कारण बनता है। आमतौर पर यह आपकी पीठ के निचले हिस्से में शुरू होता है और आपकी गर्दन तक फैल सकता है। कई बार यह आपके शरीर के अन्य हिस्सों के जोड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। समय पर इलाज करवाया गया तो यह ठीक हो सकता है।
रिएक्टिव आर्थराइटिस : Reactive Arthritis in hindi –
इस प्रकार का आर्थराइटिस यानी गठिया शरीर में किसी प्रकार के संक्रमण के बाद फैल सकता है। यह अधिकतर शरीर में किसी भी प्रकार का संक्रमण होने के बाद फैलता है। आंत या जेनिटोरिनैरी जैसे संक्रमण होने के बाद इसके होने की संभावना ज्यादातर बढ़ जाती है। सही समय पर इसकी पहचान कर इलाज किया जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है।
सोराइटिक आर्थराइटिस : Psoriatic Arthritis in hindi –
इस प्रकार का गठिया सोराइसिस के लक्षण के साथ पैदा होता है। इसमें व्यक्ति को जोड़ो में दर्द के साथ वो सख्त होने लगते हैं। इसके अलावा घुटनों, उंगलियों, पीठ और पैर के अंगूठे में सूजन की समस्या रहती है। दवा का प्रयोग कर इसे काफी हद तक नियंतित्र किया जा सकता है। सामान्यतः यह बीमारी लाइलाज होती है।
थंब आर्थराइटिस : Thumb arthritis in hindi –
इस प्रकार का गठिया अंगूठे में होता है। इसके कारण आपके अंगूठे में दर्द बना रहता है। जब आप किसी वस्तु को पकड़ते हैं, चुटकी बजाते हैं या बल लगाने के लिए अपने अंगूठे का उपयोग करते हैं तो उसमें असहनीय दर्द होने लगता है। सर्जरी के माध्यम से इसका इलाज संभव है।
जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस : Juvenile idiopathic arthritis in hindi –
जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस तब होता है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करती है। इस प्रकार का गठिया अक्सर बच्चों को अपनी चपेट में लेता है। इसमें जोड़ो में दर्द, सूजन की समस्या देखी जाती है। यह एक लम्बे समय तक चलने वाली बिमारी है। लेकिन समय रहते इलाज के द्वारा इसे ठीक किया जा सकता है।
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