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Diwali puja vidhi : जानिए दीपावली पूजा विधि, होंगी सभी बाधाएं दूर।

Diwali puja vidhi…यदि आप भी इस दीपावली माता लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश जी को खुश करना चाहते हैं तो दीपावली पूजा विधि के बारे में जरूर जान लीजिए। दीपों का पर्व दीपावली कुछ दिनों बाद आने वाला है। दीपावली का यह पर्व देश भर में कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन सम्पूर्ण हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की सम्पूर्ण विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है। दीपावली का पर्व भगवान राम के चौदह वर्ष का बनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में दिए और मोमबत्ती जलाते हैं। घर में सजवाट करते हैं और नाना प्रकार के पकवान बनाते हैं और सम्पूर्ण विधि विधान के साथ दीपावली पूजन करते हैं। जैसा कि हमने आपको बताया दीपावली के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। आईये जानते हैं दीपावली पूजा विधि (Diwali puja vidhi) के बारे में।

दीपावली पूजा विधि
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दीपावली पूजा विधि – Diwali puja vidhi.

  • अपने घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं।
  • यदि आप दीपावली से पहले अपने घर में रंग करवा रहे हैं तो मंदिर वाले कमरे में हल्का पीला, हल्का गुलाबी, हल्का पीला या सफेद रंग करवाएं।
  • मंदिर की दीवारों पर डार्क कलर अच्छा नहीं माना जाता।
  • पूजा के लिए सबसे उपयुक्त दिशा उत्तर-पूर्व मानी जाती है।
  • सबसे पहले मंदिर वाले कमरे की साफ-सफाई करें।
  • इसके बाद चौकी पर सफेद वस्त्र बिछा कर उस पर मां लक्ष्मी, सरस्वती व गणेश जी का चित्र या प्रतिमा को विराजमान करें।
  • इसके बाद हाथ में पूजा के जलपात्र से थोड़ा-सा जल लेकर उसे प्रतिमा पर छिड़कें।
  • जल छिड़कने के दौरान “ऊँ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: वाह्याभंतर: शुचि:।।” मंत्र का जाप करें।
  • अब माता लक्ष्मी सहित अन्य सभी देवी देवताओं के मस्तक पर हल्दी-कुमकुम, चंदन और चावल लगाएं। फिर उन्हें फूलों का हार और फूल चढ़ाएं।
  • पूजन में अनामिका अंगुली से गंध (चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी आदि) लगाना चाहिए। इसी तरह उपरोक्त षोडशोपचार की सभी सामग्री से पूजा करें।
  • पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें। “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।”
  • पूजा के बाद भगवान को भोग लागएं। ध्यान रखें कि नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग भोग लगाने में नहीं किया जाता। प्रत्येक पकवान पर तुलसी का एक पत्ता रखें।
  • इस दिन माता लक्ष्मी को मखाना, बताशे, ईख, खीर, सिंघाड़ा, हलुआ, पान, अनार, सफेद और पीले रंग की मिठाई, केसर-भात आदि अर्पित किए जाते हैं।
  • पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य एक साथ कपूर से भव्य आरती करें और आरती के दौरान कर्पूर गौरम करुणा का श्लोक बोलें।
  • आरती करने के बाद उस पर से जल फेर दें और प्रसाद स्वरूप सभी लोगों पर छिड़कें।
  • मुख्‍य आरती के बाद घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीये जलाएं। एक दीया यम के नाम का भी जलाएं। इसके अलावा घर के सभी कोने में भी दीए जलाएं।
  • इस बात का ध्यान रखें कि, दीपावली पूजन में इस्तेमाल होने वाली लक्ष्मी-गणेश की मिट्टी से बनी मूर्तियां और छवियां सदैव नई होनी चाहिए।
  • आरती समाप्त होने के बाद ही प्रसाद बाटें, भोजन ग्रहण करें और पटाके फोड़ें।

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