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Lal chiti kat le to kya karen? लाल चींटी के काटने पर अपनाएं ये घरेलू नुस्खे।

गर्मियों का सीजन आते ही घर में चींटियों का आगमन शुरू होने लगता है। चींटियों को ठंडी और नमी वाली जगह अधिक पसंद आती है और वो आपके घर में किचन के आस-पास वाली जगहों पर बिल बना लेती हैं। घर में चींटियाँ हमेशा भोजन की तलाश में रहती हैं और यदि भूल वश किसी खाद्य-पदार्थ को आपने खुले में छोड़ दिया तो चींटियाँ दावत उड़ाने से पीछे नहीं हटती। कई बार ये चींटियाँ हमे काट भी लेती हैं। लाल चींटी के काटने पर शरीर में उस जगह पर खुजली, तेज चुभन, जलन, और रेडनेस की समस्या देखी जाती है। इसके पीछे का कारण इन चींटियों के डंक में मौजूद फार्मिक अम्ल है। यदि बहुत सारी चीटियां आपको काट लें तो एलर्जिक रिऐक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। अब सवाल आता है कि यदि चींटी आपको काट लें तो क्या करें (chiti kat le to kya karen)? आज हम आपके लिए लेकर आएं कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे जिन्हें लाल चींटी के काटने पर आपको जरूर अपनाना चाहिए।

लाल चींटी के काटने पर
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लाल चींटी के काटने पर अपनाएं ये घरेलू नुस्खे – Lal chiti kat le to kya karen?

चींटी कांटे पर बर्फ की सिंकाई करें –

लाल चींटी के कटाने पर उस जगह पर तेज दर्द और सूजन होने लगती है। ऐसी स्थिति में उस जगह पर बर्फ की सिकाई करने से बहुत आराम मिलता है। बर्फ की ठंडक के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुडने लगती हैं और आपको खुजली, जलन और दर्द का अहसास नहीं होता। बर्फ की सिकाई करने के लिए कॉटन के कपड़े या रुमाल में बर्फ के टुकड़े लपेट लें। अब दर्द वाली जगह पर 15 मिनट के लिए रखें आपको बहुत अच्छा महसूस होगा। मधुमक्खी के काटने पर भी इस नुस्खे को अपनाया जा सकता है।

चींटी कांटे पर टी बैग का प्रयोग –

चींटी के कटाने पर आयी सूजन और दर्द की समस्या से छुटकारा पाने के लिए टी बैग का प्रयोग करें। इसके लिए टी बैग को ठंडे पानी में डुबाएं और उस जगह के ऊपर रख दें। इसके एंटी-इंफ्लामेटरी सूजन और जलन की समस्या को दूर करने का काम करते हैं और ठंडा पानी दर्द को दूर करता है। ठंडे टी बैग को 5 मिनट के लिए उस जगह पर लगा रहने दें।

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लाल चींटी के काटने पर लगाएं टी ट्री ऑयल –

टी ट्री ऑयल कई परेशानियों को दूर करने के लिए किया जा सकता है। यदि आपको चींटी ने काट लिया है तो उस जगह पर डायरेक्ट टी ट्री ऑयल न लगाएं बल्कि इसे नेचुरल ऑयल में मिक्स करने के बाद उस जगह पर लगा दें। इसका प्रयोग जलन और खुजली जैसी समस्या को दूर करता है।

एप्‍पल साइडर विनेगर का प्रयोग –

यदि लाल चींटी ने काट लिया है तो घबराइए नहीं, उस जगह पर एप्‍पल साइडर विनेगर का प्रयोग करें। हालाँकि इसका प्रयोग बहुत संतुलित मात्रा में करना चाहिए। इसका प्रयोग करने के लिए थोड़े से विनेगर को रुई में डालें और फिर रुई को काटी हुई जगह पर लगाएं। इसका प्रयोग खुजली, जलन, और सूजन को प्रभावी रूप से दूर करने का काम करता है।

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लाल चींटी के काटने पर लगाएं तुलसी के पत्ते :

तुलसी का पौंधा औषधीय गुणों से भरा होता है और लगभग सभी लोगों के घर में इसका पौंधा लगा होता है। लाल चींटी के काटने पर तुलसी के 8 या 10 पत्ते लें और इनको पीस कर एक पेस्ट तैयार करें। अब इस पेस्ट को काटी हुई जगह पर लगा दें। इसका प्रयोग खुजली, जलन और सूजन जैसी समस्या को दूर करता है। मधुम्क्खी के काटने पर भी आप इस लेप का प्रयोग कर सकते हैं।

लाल चींटी के काटने पर लगाएं टूथपेस्ट –

क्या आप जानते हैं टूथपेस्ट का प्रयोग दाँत साफ़ करने के अलावा कई अन्य कार्यों में भी किया जा सकता है। बस इसके लिए आपको चाहिए व्हाइट टूथपेस्ट की फिर चाहे वो कोलगेट या अन्य कोई दूसरा पेस्ट। चींटी यदि काट लें तो व्हाइट टूथपेस्ट (जिसमे मिंट की मात्रा अधिक हो) को काटी हुई जगह पर लगा लें। इसके खुजली, जलन, सूजन और दर्द में तुरंत आराम मिलेगा। मधुमक्खी या ततैया के काटने पर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।

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नारियल तेल का प्रयोग –

बालों पर तो नारियल तेल का प्रयोग आप अक्सर करते रहते होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं चींटी के काटने पर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। जी हाँ चींटी के काट लेने पर उस जगह पर नारियल के तेल की कुछ बूँदे डालें और हल्के हाथों से कुछ देर तक रगड़ें। इसके औषधीय गुण सूजन, जलन और खुजली की समस्या को प्रभावी तरीके से दूर करने का काम करते हैं।

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