नवरात्रि में क्या करना चाहिए और क्या नहीं : Do and don’ts in navratri vrat.
नवरात्रि में क्या करना चाहिए और क्या नहीं? यह सवाल अधिकतर लोगों को परेशान करता है। इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आए नवरात्रि स्पेशल लेख। जिसमें आपको इस बात की जानकरी दी जाएगी कि नवरात्रि में क्या करना चाहिए और क्या नहीं। चैत्र नवरात्र हो या शारदीय नवरात्र दोनों ही हिन्दू धर्म में के पावन पर्व माने जाते हैं। नवरात्रि के दौरान भक्तजन माँ भगवती की पूजा उपासना, कलस स्थापना और व्रत रख कर माता को खुश करते हैं। माना जाता है कि भक्त कि भक्ति से खुश होकर माता उसे मनोवांछित फल देती हैं और उस पर अपने आशीर्वाद की कृपा दृष्टि डालती हैं। देश भर में नवरात्र के दौरान माता की अलग-अलग तरीकों से पूजा अर्चना की जाती है। कई जगह पर गरबा का आयोजन किया जाता है तो कहीं भव्य दुर्गोत्सव का आयोजन किया जाता है। लेकिन कई बार जाने-अनजाने में हमसे इस दौरान कई गलतियां भी हो जाती हैं। इसलिए आपको यह जरूर जान लेना चाहिए कि नवरात्रि में क्या करना चाहिए और क्या नहीं। कई बार सही जानकरी के आभाव में हम कुछ ऐसे काम कर जाते हैं जो हमे इस दौरान नहीं करने चाहिए थे। आईये जानते हैं पावन पर्व नवरात्रि में क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
Contents
- नियमित रूप से मंदिर जाना चाहिए और माता का ध्यान करना चाहिए। माता की पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। यदि आप कंटेनमेंट जोन में हैं तो घर से ही पूजा पाठ करें।
- शास्त्रों के मुताबिक इन दिनों माता को प्रतिदिन साफ़ जल अर्पित किया जाए तो माता जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
- नवरात्र के दौरान यदि आप घर पर ही हैं तो आपको नंगे पैर ही रहना चाहिए। इसके अलावा साफ़ और पवित्र कपड़ों का ही प्रयोग करना चाहिए।
- माता को खुश करने के लिए सच्चे मन से नियमों का पालन करते हुए 9 दिन का वत्र करना चाहिए। व्रत करना स्वास्थ्य के लिहाज से भी अच्छा माना जाता है।
- नवरात्र में नौ दिनों तक माता का विशेष श्रृंगार करना चाहिए। श्रृंगार में माता को चोला, फूलों की माला, हार और नए कपड़े पहनाने चाहिए।
- जैसा कि हम सभी जानते हैं नवरात्र के आठवें दिन माता की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इसे काफी शुभ माना जाता है। यदि पूजा किसी पंडित के द्वारा करवाई जाए तो यह और भी उत्तम रहेगा। आप चाहें तो खुद से भी माता स्रोत पाठ और ध्यान पाठ कर सकते हैं।
- नवरात्री के इस पावन पर्व पर माता जी की अखंड ज्योति जलानी चाहिए। इस कार्य को करने के लिए शुद्ध देशी गाय के घी का प्रयोग करना सर्वश्रेष्ठ रहता है। ध्यान रहे आपको अपने पूजा स्थल पर अखंड ज्योति जरूर जलानी चाहिए।
- नवरात्र के इस पावन पर्व पर यदि आप माता का व्रत रखते हैं तो आपको इस बात का विशेष ध्यान देना होगा कि
इन नौ दिनों में आप सख्ती से ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें।
नवरात्रि के व्रत में क्या-क्या खाया जाता है? आईये जानते हैं विस्तार से –
- बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए।
- ढाढी नहीं बनानी चाहिए।
- लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
- सात्विक भोजन करना चाहिए।
- यदि कोई व्यक्ति घर में व्रत नहीं रखता है, फिर भी उसके लिए सात्विक भोजन बनना चाहिए।
- खाना बनाते समय छोंक नहीं लगाएं।
- मांसाहरी भोजन और अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए।
- मदिरापान, धूम्रपान, गुटका, तम्बाकू या अन्य किसी नशीले पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इस दौरान चमड़े की वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- भोजन में नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- काले वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए।
- बच्चों का मुंडन नहीं करवाना चाहिए।
- झूठ नहीं बोलना चाहिए और गुस्से पर नियंत्रण रखना चाहिए।
- गंदे कपड़े और बिना धुले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
- 9 दिन तक नींबू नहीं काटना चाहिए।
- अखंड ज्योति जलाई है तो घर को खाली छोड़ कर न जाएँ।
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