Education

नवरात्री के दौरान पति-पत्नी को क्यों नहीं आना चाहिए एक दूसरे के करीब?

हिन्दू धर्म में नवरात्री का पर्व बहुत पावन माना जाता है ऐसी मान्यता है कि इस दौरान माँ दुर्गा हमारे भूमंडल पर निवास करती हैं। नवरात्री का यह पर्व मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के अत्यंत ही पावन माना जाता है। नवरात्र के दौरान लोग अनेक नियमों का भी पालन करते हैं जैसे कि इस दौरान सात्विक भोजन करते हैं, लहसुन, प्याज का प्रयोग करना इस दौरान वर्जित होता है, इसके आलावा इस दौरान शादीशुदा लोगों में यौन संबंध बनाना भी वर्जित माना जाता है। यहाँ आपको बता दें कि इसके पीछे सिर्फ धर्मिक कारण ही नहीं अपितु कई साइंटिफिक कारण भी हैं जिनको जानना आपके लिए भी जरुरी है।
आईये आज के इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं कि आंखिर क्यों नवरात्री के दौरान पति-पत्नी को क्यों नहीं रहना चाहिए एक-दूसरे के करीब?

Contents

साधना में पड़ता है विघ्न –

नवरात्री का पर्व बहुत ही पवित्र माना जाता है इसलिए इस दौरान पति पत्नी को एक दूसरे के करीब नहीं आना चाहिए और एक दूसरे से यौन संबंध भी नहीं बनाने चाहिए। ये मान्यता है कि जो लोग इन नियमों का पालन नहीं करते हैं वो सच्चे दिल से माँ को खुश नहीं कर पाते हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि ऐसा करने से व्यक्ति का मन भटकता रहता है और उसका ध्यान पूजा आराधना में सही से नहीं लग पता है जिस कारण देवी माँ कि साधना में विघ्न पड़ जाता है।

नवरात्रि के व्रत में क्या-क्या खाया जाता है? आईये जानते हैं विस्तार से

धर्म और विज्ञान के अनुसार –

ये तो हम सभी जानते हैं कि उपवास के दौरान व्यक्ति को थकान और कमजोरी महशुस होती है और ऐसा होना भी सवाभाविक है क्योकि उपवास के दौरान हमारा खाना पान का स्तर सामान्य की अपेक्षा कम हो जाता है जिस कारण शरीर में ऊर्जा की कमी महशुस होने लगती है जिस कारण हमारा शरीर मानसिक और शारीरिक तौर पर संबंध बनाने के लिए तैयार नहीं होता।

नवरात्री में कैसे करें कन्या पूजन ? आईये जानते हैं कन्या पूजन विधि.

इंफेक्शन का डर –

आपने भी ध्यान दिया होगा कि नवरात्र के समय मौसम में काफी बदलवा होने लगता है जिस कारण इस मौसम में संक्रमण का खतरा अधिक बना रहता है। डॉक्टर्स कि रिपोर्टस कि मानें तो STD और UTI के ज्यादातर मामले सितम्बर और अक्टूबर के महीने में आते हैं। इस लिए इस दौरान शारीरक संबंध बनाने से बचना चाहिए। इसके आलावा उपवास के दौरान शरीर को रोग-प्रतिरोधक क्षमता में भी कमी आ जाती है।

चैत्र नवरात्रि, हिन्दू नववर्ष 2019 में माँ दुर्गा का स्वागत कैसे करें? बनाएं खास रंगोली डिजाइन…

ब्रह्म्चर्य का पालन –

ऐसा माना जाता है कि नवरात्र के दौरान माता आदि शक्ति अपने नौ रूपों के साथ भूमंडल पर निवास करती है और माता का अंश हर स्त्री में मौजूद होता है। यही कारण है कि नवरात्र में सुहागन महिलाओं को सुहाग सामग्री देने की भी परंपरा है इसलिए इस दौरान खुद पे नियत्रण रखें और ब्रह्म्चर्य का पालन करें।

नवरात्र के तीसरे दिन से इन राशियों की किस्मत घोड़े की तरह दौड़ने लगेगी।

दोस्तों अगर आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी तो कृप्या अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों के साथ शेयर जरूर करें. 

ऐसी रोचक जानकारिओं के लिए आज ही हमसे जुड़े :-                                                          Instagram
Facebook
Twitter
Pinterest

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *