Health

कोरोना: आखिर क्यों WHO ने इन दवाओं के इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से लगाई रोक?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए प्रयोग की जाने वाली दवाओं हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine), एचआईवी (HIV) की दवा लोपिनवीर (Lopinavir) और रिटोनवीर (Ritonavir) के कॉम्बिनेशन की डोज का प्रयोग करने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल किन जा रही इन दवाओं को लेकर WHO का मानना है कि इन दवाओं के प्रयोग से मृत्युदर में कमी नहीं आ रही है। बता दें कि कोरोना वायरस की कोई वेक्सीन ईजाद न होने के कारण इन दवाओं का प्रयोग कई देशों में किया जा रहा था। जिन पर अब WHO ने रोक लगाने का निर्णय लिया है।

तत्काल प्रभाव से बंद किया ट्रायल
दवाओं को लेकर WHO की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि इन सभी दवाओं के इस्तेमाल में यह बात निकलकर सामने आयी है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine), लोपिनवीर (Lopinavir) और रिटोनवीर (Ritonavir) का संयोजन कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर घटाने में ना के बराबर प्रभावी साबित हुआ। जिसके चलते सॉलिडेरिटी ट्रायल के जांचकर्ता इन दवाओं के ट्रायल को तत्काल प्रभाव से रोक देंगे। एक न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक WHO ने कहा कि दवा की टेस्टिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था की सिफारिश पर इन दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला किया गया है। इससे पहले अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institute of Health) ने कोरोना संक्रमित मरीजों के ट्रीटमेंट के लिए मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के क्लीनिकल ट्रायल पर रोक लगाने का फैसला लिया था।

कभी ट्रंप ने बताया था हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) को गेम चेंजर
बता दें की बीते मार्च माह में ट्रंप ने कोरोना वायरस टास्क फोर्स की ब्रीफिंग के दौरान कहा था कि मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्‍सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) कोरोना वायरस से निपटने में संभावित गेमचेंजर साबित हो सकती है। ट्रम्प ने कहा की हमने इस दवा के के कई परीक्षण किये, जिनमे ये बात निकल कर सामने आयी कि हाइड्रोक्‍सी क्लोरोक्वीन का प्रयोग कोरोना वायरस के संक्रमण को काफी हद तक कम करने में प्रभावी है। हालाँकि ट्रंप के इस दावे पर युएस फ़ूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कहा था कि “अभी पूर्ण रूप से प्रमाणित नही हुआ है कि इस दवा का असर कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के इलाज में कारगर है”।

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