क्या है कोरोना का ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट? क्या वैक्सीन रहेगी इसके आगे असरदार?
pinks tea - April 24, 2021 970 0 COMMENTS
पिछले एक साल से देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। मौजूद समय की बात करें तो देश में कोरोना संक्रमण फैलने की रफ्तार बेकाबू होते नजर आ रही है। हर दिन लगभग 3 लाख से अधिक लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं। वायरस की इस तेज रफ्तार के पीछे का सबसे बड़ा कारण है इसमें आये नए म्यूटेशन जिन्होंने कोरोना वायरस को पहले से कहीं और अधिक संक्रामक बना दिया है। अभी तक देश में तेजी से बड़े कोविड संक्रमण के पीछे डबल म्यूटेशन वेरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा था। लेकिन इसी बीच देश में कोरोना वायरस का एक और नया ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट भी निकल कर सामने आया है। जिसे डबल म्यूटेशन वेरिएंट से कहीं अधिक संक्रामक और खतरनाक माना जा रहा है। देश में आये कोरोना के ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट ने सरकार समेत जनता की चिंताओं को पहले से कई गुना अधिक बड़ा दिया है।

Contents
क्या है कोरोना का ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट? क्या वैक्सीन रहेगी इसके आगे असरदार?
क्या है डबल म्यूटेशन वेरिएंट –
अभी तक देश में कोरोना का डबल म्यूटेशन वेरिएंट मिला था जिसे B.1.617 का नाम दिया गया। कोरोना के इस वेरियंट में वैज्ञानिकों ने E484Q और L452R म्यूटेशन को पकड़ा था। जिसे पुराने कोरोना वायरस से कहीं अधिक संक्रामक और तेजी से फैलने वाला बताया गया। यही कारण है कि देश में यह वायरस बेहद तेजी से फैलना शुरू हुआ। इस पर हुए शोध में वैज्ञानिकों ने यह देखा कि यह वायरस पहले से अधिक संक्रामक और एंटीबॉडीज को भेद कर शरीर में प्रवेश करने की क्षमता रखता है।
क्या है ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट –
देश में कोरोना का डबल म्यूटेशन वेरिएंट तेजी से फ़ैल ही रहा था कि इसी बीच देश में कोरोना का एक और नया वेरिएंट सामने आया। कोरोना का यह नया वेरिएंट तीन अलग-अलग कोविड स्ट्रेन से मिलकर बना है। इस नए स्ट्रेन में E484K जैसे अलग जेनेटिक वेरिएंट्स पाए गए जो ऐसे लोग, जो कोविड से रिकवर हो चुके हैं उनकी एंटीबॉडीज को भेद कर संक्रमित कर सकता है। भारत में मिले SARS-COV-2 के इस नए वेरिएंट को वैज्ञानिकों ने B.1.618 नाम दिया है।
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कितना खतरनाक है ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट –
हाल ही में अमेरिकी संस्था CDC (सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) ने कोरोना के डबल म्यूटेंट वेरिएंट के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि इसके जीनोम में हुए दो बदलाव ने इसकी जेनेटिक संरचना में बदलाव लाने का काम किया है। जिसका नतीजा यह हुआ कि यह अब पहले से अधिक संक्रामक और लम्बे समय तक खुद को प्रभावी रखने वाला वायरस बन चूका है। वहीं इसमें आये नए म्यूटेशन ने इसे डबल म्यूटेंट वेरिएंट से कई गुना अधिक संक्रामक बना दिया है। हालाँकि अभी यह पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और दिल्ली में पाँव पसार रहा है और डबल म्यूटेंट की तरह बच्चों और युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। हालाँकि अभी यह कितना प्रभावी है और इसके क्या लक्षण है इस दिशा में लगातार शोध किये जा रहे हैं। मौजूदा समय में इसे ‘वेरिएंट ऑफ कन्सर्न’ की जगह ‘वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट’ समझा जा रहा है।
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क्या मौजूदा वैक्सीन इसके खिलाफ कारगर रहेगी –
देश में मिले कोरोना के नए ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट को लेकर लोगों को सबसे अधिक परेशान करने वाला सवाल है कि क्या मौजूदा वैक्सीन इसके खिलाफ कारगर रहेगी? हालाँकि इस बारे में अभी कुछ भी कह पाना जल्दबाजी होगी वैक्सीन कंपनियां लगातार इस विषय पर शोध कर रही हैं। अभी तक जो बात निकल कर सामने आयी है उसके अनुसार यह वायरस शरीर के अंदर प्राकृतिक तौर कोरोना के खिलाफ बनी इम्यूनिटी को भेदने की क्षमता रखता है।
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