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क्या है टेबल टॉप रनवे, कोझिकोड विमान हादसे के बाद से क्यों बना है चर्चा का विषय।

हाल ही में वंदे मातरम मिशन के तहत दुबई से कोझिकोड लौट रहा एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान रनवे से फिसलकर घाटी में गिर गया था। इस विमान में 190 यात्री सवार थे, जिसमें हादसे के बाद दोनों विमान पायलट समेत 18 लोगों की मौत हुई और 20 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए। हादसे के दौरान रनवे पर पानी भरे होने के कारण एयर इंडिया का ये विमान रनवे से फिसलते हुए 35 फुट नीचे गहरी खाई में गिर गया। एक्पर्ट्स के मुताबिक टेबल टॉप रनवे होने की वजह से विमान को रुकने के लिए प्रयाप्त रनवे नहीं मिल पाया। जिसका नतीजा यह रहा कि वह फिसलते हुए नीचे खाई में जा गिरा। आईये जानते हैं एक्पर्ट्स के मुताबिक टेबल टॉप रनवे पर विमान हादसे की संभावना क्यों अधिक रहती हैं।

क्या होता है टेबल टॉप रनवे
इस प्रकार के रनवे अधिकांशतः पहाड़ी और पठारी इलाकों में कम जगह के अंदर बनाए जाते हैं। इस प्रकार का रनवे चारों और किसी घाटी से घिरा हुआ होता है। अधिकांशतः इस प्रकार के रनवे के आंखिरी शिरे और रनवे के दोनों तरफ या एक तरफ गहरी खाई होती है। जिस कारण टेबल टॉप रनवे पर हादसे की संभावना हमेशा बनी रहती है। दरअसल पहाड़ी और पठारी इलाकों में जगह की अत्यधिक कमी होने के कारण इस प्रकार के रनवे बनाए जाते हैं। किसी भी विमान पायलट के लिए इस प्रकार के रनवे पर लैंडिंग करना हमेशा किसी रिस्क भरे चेलैंज से कम नहीं होता।

टेबल टॉप रनवे पर हमेशा बना रहता है हादसों का खतरा
पहाड़ी और पठारी इलाकों में बने इस प्रकार के रनवे पर एयरक्राफ्ट की लैंडिंग हमेशा से ही रिस्की मानी गयी है। जगह की कमी के चलते यह एयरक्राफ्ट पायलट के लिए ऑप्टिकल इल्यूजन की स्थिति पैदा करता है। चूँकि इस रनवे के दोनों तरफ या एक तरफ गहरी खाई के अलावा इसके अंतिम शिरे की तरफ भी खाई होती है। इसलिए लैंडिंग के दौरान पायलट को अतिरिक्त सुरक्षा दृष्टि को ध्यान में रखना होता है। टेबल टॉप रनवे पर बरसात के मौसम में पानी और सर्दियों के मौसम में धुंध से हादसे का खतरा सदैव बना रहता है।

भारत में टेबल टॉप रनवे
हमारे देश भारत की बात करें तो यहाँ केरल का कालीकट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (कोझिकोड), मंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट कर्नाटक और मिजोरम में लेंगपुई एयरपोर्ट टेबल टॉप रनवे पर आधारित है। इन सभी एयरपोर्ट पर पायलट को हमेशा ऑप्टिकल इल्यूजन का समाना करना होता है। इस प्रकार के रनवे पर उतने के लिए पायलट को विशेष प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है। इन सब के बावजूद ऐसे रनवे पर हादसों की संभावना सबसे अधिक रहती है।

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