
हमारे देश भारत सहित विश्व के कई अन्य देशों में कोरोना का प्रकोप जारी है। विश्व के कई देश वायरस की वैक्सीन बनाने के कार्य में जुटे हैं। इनमे से कई वैक्सीन ऐसी भी हैं जो अपने ट्रायल के आंखरी चरण तक पहुंचने में सफल रही हैं। विश्व में ब्रिटेन, रूस, चीन, अमेरिका और भारत समेत कई अन्य देशों में वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल चल रहे हैं। कोरोना वैक्सीन बनाने की इस रेस में अमेरिका अब सबसे आगे निकलता नजर आ रहा है। यहाँ मॉडर्ना कम्पनी की वैक्सीन का विश्व का सबसे बड़ा फाइनल ट्रायल शुरू हो चूका है। यह ट्रायल 30,000 वॉलंटियर्स पर किया जायेगा। मॉर्डन कम्पनी की वैक्सीन को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक प्रेस कांफ्रेस में कहा “मुझे लगता है, आने वाले दो हफ्ते हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे। उम्मीद करते हैं कि हमारे पास सुनाने के लिए वास्तव में एक बहुत अच्छी खबर होगी। अगले दो सप्ताह में कुछ घोषणाएं होंगी।” बता दें कि इस प्रेस कांफ्रेस के दौरान राष्ट्रपति ट्रम्प एक बार फिर सार्वजनिक रूप से मास्क पहने नजर आए।
NIH करेगा ट्रायल
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने इससे पहले सोमवार को एक प्रेस रिलीज में कहा था कि अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बायोटेक कंपनी मॉडर्न द्वारा विकसित संभावित कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू कर दिया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की 30 हजार वॉलंटियर्स पर वैक्सीन ट्रायल करने की योजना है।
मॉडर्ना की वैक्सीन अमेरिकी सरकार को हैं उम्मीदें
इस वैक्सीन के शुरुवाती ट्रायल के सभी नतीजे सफल रहे हैं, इसलिए अमेरिका को इस मॉडर्ना कम्पनी की वैक्सीन से काफी उम्मीद हैं। सोमवार से इसका विश्व में अब तक तक का सबसे बड़ा ट्रायल शुरू कर दिया गया था।
वैक्सीन के ट्रायल में मदद के लिए अमेरिकी सरकार के बायोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (BARDA) ने मॉडर्न कंपनी को 472 मिलियन डॉलर दिए हैं। कंपनी के मुताबिक यह अतिरिक्त फंडिंग कोविड-19 वैक्सीन के क्लीनिकल डेवलपमेंट के लिए आगे उठाये जाने वाले सभी कदमो में अपना सहयोग निभाएगी।
कम्पनी को मिल रही है मदद
बता दें कि ट्रम्प सरकार को इस वैक्सीन से काफी उम्मीदें हैं और अब तक वह कम्पनी को वैक्सीन निर्माण कार्य में सहयोग के लिए 483 मिलियन डॉलर दे चुके हैं। मॉडर्न कंपनी को BARDA की तरफ से मिले 472 मिलियन और ट्रम्प सरकार से मिली 483 मिलियन डॉलर की मदद के बाद कम्पनी को अब तक कुल मिलाकर 955 करोड़ डॉलर की मदद राशि मिल चुकी है।
अब तक हो चुके कोरोना वायरस की दवा बनाने के दावे –
- अमेरिका में उम्मीद की किरण बनी रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा इलाज के लिए मिली मंजूरी।
- जल्द खत्म हो सकता है कोरोना, इजरायल के बाद इटली ने किया कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने का दावा।
- इजरायल का दावा! बन गयी कोरोना वैक्सीन जल्द ही खत्म होगा कोरोना वायरस।
- ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसार कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए लाइफलाइन है डेक्सामेथासोन दवा।
- भारत में बनी ग्लेनमार्क की फेविपिरविर दवा फैबिफ्लू को DGCI ने दी कोविड-19 के उपचार के लिए मंजूरी।
- पतंजलि ने बनाई कोरोना वायरस की दवा ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’, जाने इसके बारे में सब कुछ।
- बाबा रामदेव ने लॉन्च की कोरोनिल, जानें कहाँ से खरीद सकते हैं आप और क्या है इसकी कीमत ?
- कोरोना वायरस की पहली संभावित वैक्सीन कोवाक्सिन को DGCI ने दी मानव परीक्षण की अनुमति।
- अमेरिका की बायोटेक फर्म इनोवियो का दावा ह्यूमन ट्रायल सफल, जल्द मिलेगी विश्व को वैक्सीन।
- कोरोना वैक्सीन: देश में अब जायडस कैडिला को मिली DGCI से ह्यूमन ट्रायल की अनुमति।
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- रूस के बाद अमेरिका कि मॉडर्ना कम्पनी ने दिलाई विश्व को कोरोना वैक्सीन की उम्मीद।
- कोरोना वैक्सीन: ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी सोमवार को विश्व को दे सकती है तोहफा।
- भारत में सीरम इंस्टिट्यू ऑफ इंडिया करेगा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन पर कार्य।
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