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आखिर क्यों इस ट्रक को 1700 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगा 1 साल का वक्त?

सोचिये अगर आपसे कोई कहे कि उसे ट्रक से 1700 किलोमीटर की दूरी तय करने में 1 साल से भी अधिक का समय लग गया। उसकी ऐसी बात सुनकर या तो आपको हंसी आएगी या आप उसकी बात पर भरोसा नहीं करेंगे। आप माने या न माने लेकिन ये एक ट्रक वाले ने यह कारनामा भी कर दिखाया। पिछले साल की 8 जुलाई, 2019 को महाराष्ट्र के नासिक से केरल के तिरूवनंतपुरम के लिए रवाना हुए इस ट्रक को 1700 किलोमीटर की दूरी तय करने में 1 साल का लंबा समय लग गया। अब आप सोच रहे होंगे भला 1700 किलोमीटर की दूरी तय करने में किसी ट्रक को 1 साल का लंबा समय कैसे लग सकता है ? दरअसल यह ट्रक अपने साथ भारी भरकम 78 टन वजनी एयरोस्पेस ऑटोक्लेव साथ ले कर चल रहा था और पूरी यात्रा के दौरान सबसे बड़ी खासियत यह रही कि यह ट्रक एक दिन में महज 5 किलोमीटर की दूरी तय करता था।

1 दिन में महज 5 किलोमीटर की दूरी तय करता था ट्रक
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस ट्रक के कर्मचारियों ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए बताया कि हमने पिछले वर्ष 8 जुलाई 2019 को महाराष्ट्र के नासिक से अपनी यात्रा प्रारम्भ की थी। इस दौरान चार राज्यों के कई जिलों से होते हुए ट्रक को तिरुवनंतपुरम तक पहुंचने में 1 वर्ष का समय लग गया। कर्मचारी ने बताया कि इस सफर के दौरान ट्रक 1 दिन में मात्र 5 किलोमीटर की दूरी तय करता था। ट्रक की इस यात्रा में एक खास बात यह भी रही कि जब यह किसी क्षेत्र से गुजरता था तब वहां से अन्य गाड़ियों को गुजरने की इजाजत नहीं दी जाती थी। बता दें कि किसी सामान्य ट्रक को 1700 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करने में 5 से 7 दिनों से अधिक का समय नहीं लगता है।

एयरोस्पेस ऑटोक्लेव ले जा रहा था ट्रक
धीमी रफ्तार से चलने के पीछे का मुख्य कारण इस ट्रक में रखा बेशकीमती सामान था। दरअसल इस ट्रक में एयरोस्पेस क्षैतिज आटोक्लेव को लोड किया गया था जिसका वजन 78 टन था। ट्रक को वोल्वो कंपनी ने तैयार किया था। इस ट्रक में कुल 74 टायर लगाए गए थे। भारी भरकम सामान ले जाने के लिए ट्रक में चेचिस के आगे और पीछे की ओर 32-32 पहिए लगाए गए थे। बता दें कि यह ट्रक महाराष्ट्र के नासिक से केरल के तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (Vikram Sarabhai Space Centre) के लिए रवाना हुआ था।

कुछ इस तरह से किया ट्रक ने अपना सफर पूरा
एयरोस्पेस ऑटोक्लेव ले जाने वाले इस ट्रक में 32 अन्य कर्मचारी भी तैनात किए गए थे। जब यह किसी क्षेत्र से गुजरता था तब वहां से अन्य गाड़ियों को गुजरने की इजाजत नहीं दी जाती थी। इसके अलावा ट्रक के साथ पुलिस की गाड़ी भी साथ चलती थी। यात्रा के दौरान जिन जगहों से यह ट्रक गुजरा वहां मार्ग में कोई अवरोध पैदा न हो इसके तहत गड्ढे वाली सड़कों की मरम्मत की गई, पेड़ों की कटाई हुई और बिजली खंभों को हटाया गया।

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