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शरबत बजूरी मोतदिल के फायदे : Sharbat bazoori motadil ke fayde.

Sharbat bazoori motadil ke fayde….शरबत बजूरी मोतदिल एक हर्बल युनानी दवा है जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से लिवर की बीमारी के इलाज के लिए किया जाता है। इसके अलावा शरबत ऐ बजूरी मोतदिल का उपयोग यकृत टॉनिक, मूत्र रोग, बेचैनी, उच्च रक्तचाप, गुर्दे के रोग, गाल ब्लैडर, पेट के रोग और बुखार की समस्या को दूर करने में किया जाता है। सदियों से चली आ रही यूनानी चिकस्ता में शरबत ऐ बजूरी मोतदिल का प्रयोग पेट से जुडी समस्या के साथ-साथ मूत्र पथ में जलन की समस्या के उपचार में किया जाता है। इसका प्रयोग मूत्र पथ के संक्रमण को ठीक करता है। यह अत्यधिक पेशाब को प्रेरित कर यकृत, गुर्दे और मूत्राशय की सूजन को दूर करता है। इस हर्बल दवा का प्रयोग आप अपने चिकित्स्क की सलाहनुसार कर सकते हैं। आइये जानते हैं शरबत बजूरी मोतदिल के फायदे (Sharbat bazoori motadil ke fayde) और इससे जुडी अन्य जानकारियों के बारे में।

शरबत बजूरी मोतदिल
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Contents

शरबत बजूरी मोतदिल के फायदे (Sharbat bazoori motadil ke fayde) – Sharbat bazoori motadil benefits in hindi

  • लिवर को नुकसान से बचाता है और लिवर को सुचारु रूप से कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
  • डिटॉक्स प्रक्रिया के द्वारा मूत्राशय, गुर्दे और मूत्र पथ को साफ करता है।
  • शरीर को ठंडक पहुंचाने का कार्य करता है।
  • शरीर से अतिरिक्त गर्मी को निकाल मूत्र पथ में जलन की समस्या को कम कम करता है।
  • इसके शीतलन प्रभाव के कारण, यह बुखार को कम करने में अत्यधिक फायदेमंद है।
  • यह लीवर और किडनी से जुडी समस्याओं को दूर करने का काम करता है। यह हेपेटाइटिस ऐ, बी, सी, लीवर सिरोसिस और फैटी लीवर में जैसी समस्याओं को दूर करने का काम करता है।
  • किडनी से जुडी समस्या जिनमें स्टोन, पेशाब ना बनाना, पेशाब ना निकालना, किडनी का सही फ़िल्टर ना करना, किडनी के फेल होने जैसी समस्याओं के उपचार में इसका प्रयोग फायदेमंद साबित होता है।
  • गर्मियों में इसका प्रयोग शरबत के रूप में भी किया जा सकता है।

इन्ग्रेडिएन्ट्स ऑफ़ शरबत बजूरी मोतदिल –

*तुखम कासनी – 10 ग्राम

*तुखम खरबूजा – 10 ग्राम

*तुखम खीरा – 10 ग्राम

*तुखम ककडी – 10 ग्राम

*सौंफ की जड़ – 10 ग्राम

*कासनी की जड़ – 20 ग्राम

शरबत बजूरी मोतदिल के इस्तेमाल का तरीका :

यह एक हर्बल यूनानी दवा है इसका प्रयोग अपने चिकित्सक की सलाह अनुसार करें। इसे बनाने के लिए आधे गिलास ठंडे पानी में 25 से 50 ML शर्बत बजूरी डालकर दिन में दो बार इसका सेवन करें। शुगर के रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा सर्दी जुकाम की समस्या से ग्रस्त हैं तो इसका सेवन न करें इसकी तासीर ठंडी होती है।

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हमदर्द शरबत बजूरी मोतदिल के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल –

क्या Hamdard Sharbat Bazoori Motadil का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?

गर्भावस्था के दौरान Hamdard Sharbat Bazoori Motadil के दुष्प्रभाव ज्ञात नहीं हैं क्योंकि इस विषय पर वैज्ञानिक शोध नहीं किया गया है।

क्या Hamdard Sharbat Bazoori Motadil का उपयोग स्तनपान के दौरान सुरक्षित है?

स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर Hamdard Sharbat Bazoori Motadil के दुष्प्रभाव को लेकर कोई शोध उपलब्ध नहीं है। इसलिए इसका प्रभाव अज्ञात है।

Hamdard Sharbat Bazoori Motadil का प्रभाव पेट पर क्या होता है?

हमदर्द शर्बत बजूरी मोतदिल का प्रयोग पेट को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुँचाता।

क्या Hamdard Sharbat Bazoori Motadil का उपयोग बच्चों के लिए सुरक्षित है?

बच्चों पर हमदर्द शर्बत बजूरी मोतदिल के दुष्प्रभाव ज्ञात नहीं हैं क्योंकि इस विषय पर वैज्ञानिक शोध नहीं किया गया है।

क्या यह हमदर्द शरबत बाजोरी मोतदिल की आदत है या नशे की लत है?

नहीं ऐसी आदत बनाने वाले प्रभावों का अभी कोई सबूत उपलब्ध नहीं है।

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