भारत में सीरम इंस्टिट्यू ऑफ इंडिया करेगा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन पर कार्य।
पिछले लम्बे समय से कोरोना वायरस वैक्सीन पर शोध कर रही ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के हाथ अब बड़ी सफलता लगी है। शोधकर्ताओं के मुताबिक वैक्सीन ने अपने क्लीनिकल ट्रायल का पहला चरण सफलता पूर्वक पार कर लिया है। मेडिकल जर्नल द लैंसेट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह वैक्सीन कोरोना वायरस से मुकाबला करने में असरदार रही है। यह वैक्सीन व्यक्ति के शरीर में वाइट ब्लड सेल्स के निर्माण में सहयोग करती है। इसके अलावा संक्रमितों के इलाज के लिए बनी यह वैक्सीन पूर्ण रूप से सुरक्षित है। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने ट्वीट कर बताया कि ChAdOx1 nCoV-19 या AZD1222 नामक यह वैक्सीन संक्रमित मरीजों के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का कार्य करती है।
1,077 लोगों पर किया गया परीक्षण
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इस वैक्सीन का 1,077 लोगों पर क्लिनिकल ट्रायल किया था। जिनमें 18 वर्ष से 55 वर्ष की आयु वर्ग के लोग शामिल थे। वैक्सीन का यह क्लिनिकल ट्रायल 23 अप्रैल से 21 मई के बीच ब्रिटेन के पांच अलग-अलग हॉस्पिटल में किया गया था। वैक्सीन के इस ट्रायल को पूरा होने में 56 दिनों का समय लगा था। हालांकि अभी वैक्सीन का व्यापक स्तर पर ट्रायल होना बांकी है। इसमें कोई दोराय नहीं कि वैक्सीन के ट्रायल के अब तक के सभी नतीजे सफल रहें हैं और अब वैक्सीन का सिर्फ व्यापक स्तर पर ट्रायल बाँकी रह गया है। लेकिन ब्रिटेन सरकार ने अभी से वैक्सीन की 10 करोड़ खुराकों का ऑर्डर दे दिया है।
भारत में सीरम इंस्टिट्यू ऑफ इंडिया (SII) करेगा ब्रिटेन की वैक्सीन के ऊपर कार्य
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन से भारत में भी उम्मीद की किरण जगा रही है। यही कारण है कि भारत के पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने इस वैक्सीन के व्यापक स्तर पर निर्माण के लिए कमर कस ली है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया सीईओ अदार पूनावाला ने कहा “परीक्षणों के परिणाम उम्मीदों पर खरे उतरे हैं जिसकी हमें बेहद खुशी है”। उन्होंने कहा कंपनी एक हफ्ते के अंदर इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने के लिए, लाइसेंस लेने का आवेदन भारतीय दवा नियामक के पास करेगी। कम्पनी का आवेदन स्वीकृत होते ही, हम भारत में वैक्सीन के विभिन्न चरणों पर परीक्षण का कार्य शुरू करेंगे। इसके अलावा उन्होने कहा, कम्पनी जल्द से जल्द वैक्सीन निर्माण व्यापक स्तर पर शुरू करने पर विचार कर रही है।
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