
आँख मानव शरीर के अभिन्न अंगों में से एक है। आँखों के बिना इस संसार को देख पाना असंभव है। जिन लोगों की आँखे नहीं होती उन्हें जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। बिना देखे किसी भी काम को मात्र अंदाजा लगाकर करना अपने आप में एक बहुत बड़ी चुनौती होती है। इस प्रकार की समस्या से ग्रस्त लोगों के पास आखिरी रास्ता होता है बायोनिक आई (Bionic Eye) लगवाना। अंधेपन के भी कई कारण हो सकते हैं। कई लोगों को आँखों से जुडी बीमारी होने के कारण उनकी रोशनी धीरे-धीरे कर के चले जाती है। वहीं कुछ लोग जन्म जात दृष्टिहीन होते हैं। कई बार किसी बुरे हादसे के कारण भी व्यक्ति को अपनी आँखों की रोशनी गवानी पड़ सकती है।
बहरहाल वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि प्राप्त करते हुए ऐसी बायोनिक आई (Bionic Eye) बना ली हैं। जो किसी रोशनी खो चुके व्यक्ति को फिर से रोशनी दिला सकती हैं। इस बायोनिक आई (Bionic Eye) की खासियत की बात करें तो यह जन्मजात दृष्टिहीन लोगों के संसार को भी फिर से जगमग करने की क्षमता रखती हैं। इससे पहले जन्मजात दृष्टिहीन लोगों के लिए इस प्रकार का कोई आविष्कार आज तक नहीं हुआ था। इन बायोनिक आई (Bionic Eye) की मदद से दृष्टिहीन व्यक्ति दोबारा देख सकते हैं।

10 साल तक रिसर्च के बाद तैयार हुई बायोनिक आई (Bionic Eye) :
बता दें कि विश्वभर के वैज्ञानिक पिछले लम्बे समय से बायोनिक सॉल्यूशंस बनाने की दिशा में शोध कर रहे थे। जिसमें एक लम्बे अर्से के बाद अब जाकर वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। इस रिसर्च पर ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक पिछले 10 साल से कार्य कर रहे थे। अब जाकर उन्हें बायोनिक आँख बनाने में सफलता हाथ लगी है।
भेड़ों पर किया गया था ट्रायल :
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक मोनाश बायोमेडिसिन डिस्कवरी इंस्टीट्यूट के डॉक्टर यान वोंग के मुताबिक बायोनिक आँख का ट्रायल 10 भेड़ों पर सफलतापूर्वक किया जा चुका है। इस ट्रायल के दौरान 7 डिवाइस भेड़ों के स्वास्थ्य को बिना नुकसान पहुंचाए 9 महीने तक एक्टिव रही। शोधकर्ताओं का मानना है कि यदि बायोनिक आँख कारगर साबित हुई तो इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा। वैज्ञानिक अब बायोनिक आई (Bionic Eye) को इंसानों के मस्तिष्क में लगाने की तैयारी कर रहे हैं।
बायोनिक आँख आंख पर लगी वायरलेस ट्रांसमीटर चिप :
इस बारे में यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर लाओरी का कहना है कि
हमने एक ऐसी वायरलेस ट्रांसमीटर चिप तैयार की है जो मस्तिष्क की सतह पर फिट की जाएगी। इसे बायोनिक आई (Bionic Eye) नाम दिया गया है। इसमें कैमरे के साथ एक हेडगियर फिट किया गया है, जो आसपास होने वाली हरकतों पर नजर रखने के साथ दिमाग से संपर्क साधने में आपकी मदद करेगा।
इसके साथ ही वैज्ञानिकों द्वारा आंखों के लिए वायरलेस ट्रांसमीटर चिप तैयार किया गया है, जो इंसानों के मस्तिष्क में आराम से फिट हो सकती है। इसे वैज्ञानिकों द्वारा ‘बायोनिक आई’ नाम दिया गया है। कैमरे के साथ इसमें एक हेडगियर लगा है, जो नजर रखने के साथ-साथ दिमाग से संपर्क में आपकी मदद कर सकता है। इस बायोनिक आँख का साइज 9X9 मिमी है।
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