Lifestyle

जानिए आयुर्वेद के अनुसार सावन के महीने में कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए।

आयुर्वेद के मुताबिक स्वस्थ्य रहने के लिए बदलते मौसम के अनुसार हमे अपने खाना पान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। गर्मियों के मौसम के बाद अब बरसात का मौसम शुरू हो चुका है और यह मौसम सावन का भी है। ऐसे में इस मौसम में आयुर्वेद के अनुसार खाना पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हिन्दू धर्म में सावन का महीना अत्यंत पवित्र माना जाता है इसलिए इस दौरान आपको खान-पान के सही तरीकों को अपनाना चाहिए। सावन के इस मौसम में झमाझम बरसात भी होती है इसलिए इस मौसम में बिमारियों की संभावना अधिक बड़ जाती है। आयुर्वेद के मुताबिक सावन के पवित्र महीने में ऐसी चीजें नहीं खानी चाहिए जो वात दोष को बढ़ावा देने का काम करें। इसके अलावा धार्मिक लिहाज से भी कई ऐसी चीजें हैं जो सावन के महीने में नहीं खानी चाहिए। आईये विस्तार से जानते हैं सावन के महीने में कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए और किन चीजों का सेवन करना चाहिए।

सावन नहीं खानी चाहिए
courtesy google

Contents

भूलकर कर भी ना खाएं सावन के महीने में ये चीजें –

हरी पत्तेदार सब्जियां –

आयुर्वेद के अनुसार सावन के महीने में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि यह मौसम बरसात का मौसम होता है और इस मौसम में हरी सब्जियों में कीड़े पनपने की संभावनाएं अधिक रहती हैं। इसलिए इस मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से बचें। इस तरह की सब्जियों का सेवन करने का सर्वोत्त्म समय सर्दियों का मौसम होता है। सावन के महीने में इन्हे खाने से पेट दर्द, पेट में गैस की समस्या और स्किन से जुड़ी बीमारियों का खतरा बना रहता है।

बैगन खाने से बचे –

धार्मिक दृष्टि से देखा जाये तो सावन का महीना पवित्र महीनों में गिना जाता है। बैगन एक अशुद्ध सब्जी मानी जाती है इसलिए इस महीने में बैगन नहीं खाना चाहिए। वहीं आयुर्वेद के लिहाज से देखें तो सावन में बैगन इसलिए नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसका नेचर बादी होता है। इसके अलावा इन दिनों बरसात का मौसम होने के कारण बैगन की सब्जी में कीड़े निकलने की संभावनाएं अधिक रहती हैं।

डेयरी प्रोडक्ट्स से बनायें दूरी –

धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो सावन के पवित्र महीने में डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि डेयरी प्रोडक्ट्स से बनी अधिकतर चीजें इस माह में भगवान को अर्पित करी जाती हैं। वहीं आयुर्वेद के अनुसार इस मौसम में दूध, पनीर, दही, कच्चा दूध का सेवन वात दोष बढ़ाता है। जिस कारण स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए सावन में डेयरी प्रोडक्ट्स से दूरी बनायें रखें।

मांस-मछली और प्याज-लहसुन –

सावन के पवित्र माह में मांस, मछली, प्याज और लहसुन का प्रयोग निषेध होता है। भूलकर भी इनका सेवन इस पवित्र माह में न करें। ऐसा माना जाता है कि तामसिक प्रवृत्ति के भोजनों से अध्यात्म के मार्ग में रूकावट आती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। बरसात का मौसम मछलियों के प्रजनन का समय होता है। इसल‍िए इस समय इंफेक्‍शन का खतरा ज्‍यादा रहता है। यही कारण है कि इस दौरान इन्हें खाने से बचाना चाह‍िए।

इन चीजों का करें सेवन –

आयुर्वेद के अनुसार सावन मास में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो सुपाच्य हों। बात करें सब्‍जियों की तो इस माह में कद्दू, लौकी, तोरी, टमाटर जैसी जल्‍दी पचने वाली सुपाच्य सब्जियों का सेवन करना चाहिए। फलों की बात करें तो इस माह में अनार, नाशपति, सेब, केला, और जामुन जैसे मौसमी फल खाना चाह‍िए। वहीं अनाज में मक्‍का, सरसों, मूंग, चावल, गेंहू, अरहर की दाल जैसे अनाज का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा इस मौसम में हरड़ आपको पेट की हर बीमारी से बचाता है।

सावधान! बरसात का मौसम हो चूका शुरू, खाने पीने का रखें विशेष ध्यान।

अगर आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी तो कृपया अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों के साथ शेयर जरूर करें. 

ऐसी महत्पूर्ण जानकारियों के लिए आज ही हमसे जुड़े :- 

Instagram
Facebook
Twitter
Pinterest

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *