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आत्मनिर्भर भारत मुहीम के तहत रक्षा मंत्रालय ने लगाई 101 रक्षा उत्‍पादों के आयात पर रोक।

केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देते हुए चीन को एक बार फिर करारा झटका दिया है। इस बार यह झटका रक्षा मंत्रालय की और से दिया गया है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भर भारत मुहीम के तहत बड़ा ऐलान करते हुए या घोसणा की, इस नई घोसणा के मुताबिक सरकार देश में रक्षा संबंधी निर्माण बढ़ाने के लिए 101 रक्षा उत्‍पादों के आयात पर रोक लगाएगी। रक्षा मंत्री की और से जारी की गयी इस लिस्ट में अर्टलिरी गन्स, असाल्ट राइफल, रडार, एयरक्राफ्ट आदि शामिल हैं। जानकारों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय की और से उठाये गए इस बड़े कदम के बाद से भारतीय रक्षा उद्योग के लिए बड़े पैमाने पर अवसर पैदा होंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय अब आत्‍मनिर्भर भारत की राह अपनाएगा। इस मुहीम के तहत 101 रक्षा उत्‍पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और आत्‍मनिर्भर भारत मुहीम के अंतर्गत भारत में ही बनाया जाएगा।

ट्वीट करते हुए दी जानकरी
रक्षा मंत्रालय के इस फैसले की जानकारी राजनाथ सिंह ने ट्विटर के माध्यम से दी, इस बाबत उन्होंने एक के बाद कई ट्वीट भी किए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने 101 रक्षा उत्‍पादों की एक लिस्ट तैयार की है, जिसपर एक तय समय सीमा के बाद प्रतिबंध लगाया जाएगा। उन्होने बताया कि इस मुहीम के अंतर्गत 2020 से 2024 के बीच रक्षा के उपकरणों के आयात पर रोक धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी।

101 आइटम्स की लिस्ट की गयी तैयार
आत्मनिर्भर भारत मुहीम को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रायल द्वारा 101 रक्षा उत्‍पादों की सूचि तैयार की है। इसमें तोपें, असॉल्ट राइफल्स, सोनार सिस्टम, टांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, LCHs, रडार्स, जंगी वाहनों का भारत में निर्माण पर जोर दिया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच स्तंभों के आधार पर आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया है, जिसमें अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्टर, सिस्टम और मांग के आधार पर लोगों की संख्या शामिल है।

अगले 6 से 7 साल में घरेलू उद्योगों को 4 लाख करोड़ रुपये का कॉन्‍ट्रैक्‍ट मिलेगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच लगभग 3.5 लाख करोड़ की 260 योजनाओं के लिए तीनों सेनाओं ने कॉन्ट्रैक्ट दिए थे। उन्होंने बताया कि 6 से 7 साल में घरेलू इंडस्ट्रीज को करीब 4 लाख करोड़ रुपये के ठेके दिए जाएंगे। जिसमें 1.30-1.30 लाख करोड़ रुपये के उत्पाद सेना और वायुसेना और लगभग 1.40 लाख करोड़ रुपये के उत्पाद नौसेना के लिए खरीदे जाएंगे।

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