
हेयरफाल यदि बढ़ने लगे या लगातार हो, तो हम बहुत टेंशन में आ जाते हैं। गंजा हो जाने का डर हमे दिन रात सताने लगता है। और यही भय बालों से जुडी अनेक भ्रांतियों (hair myth) को भी जन्म देता है। बालों से जुडी भ्रांतियां (hair myth) बरसों पूरानी हैं और आज भी कई लोग हैं ऐसे हैं जो कि इन भ्रांतियों पर आँख बंद कर भरोसा कर लेते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम चर्चा करंगे बालों से जुडी कुछ भ्रांतियों (hair myth) और उनके सच के बारे में, इनमे से कुछ प्रमुख भ्रांतियां जैसे कि हेरफाल कि समस्या हो जाने पर बालों को ट्रिम करवा लेने से नए बालों का आना, तनाव से बालों का सफेद हो जाना, एक सफेद बल तोड़ने पर दो नए सफेद बालों का आ जाना। इसी प्रकार की अनेक भ्रांतियां प्राचीन काल से ही चली आ रही हैं और कई लोगो इन बातों पर विश्वास कर इन्हें सच भी मानते हैं।

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बालों से जुड़े कुछ भ्रम – Hair Myth
ट्रिम करवाने से आते हैं नए बाल –
आपने भी अक्सर लोगों को कहते सुना होगा की अगर बहुत अधिक हेयरफाल हो रहा हो तो अपने बालों को ट्रिम करवा लेना चाहिए। ऐसा करने से फिर से नए बाल आते हैं और हेयरफाल की समस्या भी खत्म हो जाती है। जबकि इस बात की सच्चाई ये हैं की बालों की उत्पत्ति हमेसा उनकी जड़ो से होती ना की बालों के शिरों से। अगर जड़ से ही बाल नहीं आएंगे तो आप के ट्रिम करवाने से भी बाल नहीं आने वाले, हालाँकि ट्रिम करवाने से दो मुहे बाल और सर की सफाई जरूर हो जाती है। इसके आलावा अगर आप नियमित कुछ हफ़्तों के अंतराल में अपने हेयर्स ट्रिम करवाते हैं तो इसका फायदा ये होता है कि कुछ समय के बाद आपके बाल पहले के मुकाबले थोड़े मोटे जरूर आने लगते हैं। लेकिन जब बात नए बालों के आने कि हो रही हो तो इसके लिए आपको अपनी डाइट में पौष्टिक आहरों का सेवन करना बेहद जरुरी हो जाता है।
रोजाना शैम्पू का इस्तेमाल –
अक्सर आपने भी अपने परिवार या दोस्तों को ये कहते सुना होगा कि रोजना शैम्पू नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से हेयर डेमेज हो जाने का खतरा बना रहता है। फिर भी कई लोगों को लगता है कि अगर वो रोजाना शैम्पू का प्रयोग नहीं करेंगे तो उनके बाल डल, मुरझे हुए और रूखे लगने लगेंगे लेकिन ऐसा बिलकुल गलत है। बालों में अछि चमक और शाइन के लिए हफ्ते में 2 से 3 बार शैम्पू का प्रोयग काफी रहता है। अगर आप अत्यधिक शैम्पू करने के आदि हैं तो कैमिकलयुक्त हानिकर शैम्पू की जगह किसी अच्छे ब्रांड का हर्बल शैम्पू उपयोग करें।
स्ट्रेस से होते हैं बाल सफेद –
बालों के सफेद होने के पीछे का कारण गलत लाइफस्टाइल, सही खान पान का ना मिलना, बढ़ती उम्र और कुछ जेनेटिक्स कारण होते हैं। बालों के सफेद होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण होता है मेलेनिन (आपके बालों के रंग के लिए जिम्मेदार अणु), इसकी मात्रा कम हो जाने पर बाल सफेद होने लगते हैं। हम बालों के सफेद होने के लिए सीधे तौर पर स्ट्रेस को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते।
बाला और उजड़ा चमन को देख कहीं आपको भी तो नहीं सताने लगा हेयर फॉल का डर?
एक सफेद बाल तोड़ने पर दो नए सफेद बालों का आना –
बालों के बारे में ये वाली भ्रान्ति अक्सर आपने कई लोगों के मुँह से सुनी होगी, खासकर उस वक्त तो जरूर जब आप अपना कोई सफेद बाल तोड़ने की कोशिस कर रहें हो और कोई परिवार का सदस्य या दोस्त आपको यह करते हुए देख ले। आपको बता दें विज्ञान में कहीं भी ऐसे किसी तथ्य का उल्लेख नहीं है जो इस बात को सही ठहराए। सफेद बालों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार मेलेनिन पिगंनेट होता है।
बालों में अत्यधिक तेल का उपयोग करने वालों के बाल ज्यादा सव्स्थ्य रहते हैं –
बालों के बारे में ये भ्रान्ति भी काफी प्रचलित है कि आपके बाल जितनी देर तेल में रहेंगे उतने ही यह स्वस्थ्य बनेंगे। आपको बता दें स्वस्थ्य बालों के लिए तेल का प्रयोग करना भी जरुरी है लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आप दिन भर उनको तेल में भिगोये रखें। 2 से 3 घंटे का समय बालों को ऑइलिंग के माध्यम से पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए बहुत होता है। अधिक समय तक तेल लगाने से आस पास की गन्दगी भी बालों में चिपक जाती है। हमेसा ऑइलिंग के 2 से 3 घंटे के पश्च्यात बालों को शैम्पू से धो लें।
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