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आयुर्वेद के अनुसार दूध के साथ इन खाद्य पदार्थों के सेवन से हो सकता सफेद दाग।

विटिलिगो यानि कि स्किन पर सफेद दाग का हो जाना। वर्तमान समय में कई लोग इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। जिस व्यक्ति को विटिलिगो की समस्या होती है उसकी स्किन पर जगह-जगह सफेद दाग दिखने लगते हैं। मौजूदा समय की बात करें तो विश्व की आबादी का 1 फीसदी हिस्सा इस बीमारी से ग्रस्त है। हमारी त्वचा मेलेनिन से अपना रंग प्राप्त करती है और मेलानोसाइट्स कोशिकाएं मेलेनिन का उत्पादन करती हैं। इन कोशिकाओं को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचने पर मेलेनोसाइट्स मर जाते हैं और त्वचा पर सफेदी या हाइपो-पिगमेंटेड पैच को जन्म दे सकता है। जिस कारण स्किन पर जगह-जगह सफेद धब्बे पड़ने लगते हैं। इस प्रकार की समस्या किसी को भी हो सकती है। इस प्रकार की समस्या मुख्य रूप से आनुवंशिक कारणों के चलते, कई बार शरीर में कुछ जरूरी पोषक तत्वों की कमी होने के कारण या बहुत अधिक सनबर्न होने पर हो सकती है। इसके अलावा आयुर्वेद के अनुसार दूध के साथ विपरीत खाद्य पदार्थों का सेवन सफेद दाग की समस्या को जन्म देने का कार्य करता है। आज हम जानेंगे आयुर्वेद के अनुसार दूध के साथ किन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

आयुर्वेद दूध के साथ
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आयुर्वेद के अनुसार दूध के साथ इन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए: Never Combine These Foods With Milk As Per Ayurveda

दूध और नमक –

क्या आपने कभी आपने सोचा है कि हम हमेशा दूध चीनी के साथ ही क्यों पीते हैं, नमक के साथ क्यों नहीं। ऐसा इसलिए है क्योंकि नमक और दूध दोनों में विरोधी गुण होते हैं।आयुर्वेद के अनुसार जब हम दूध का उपयोग विभिन्न दिलकश करी बनाने के रूप में करते हैं। तब हम अनजाने में अपने शरीर को बहुत नुकसान पहुँचाते हैं। हालांकि इस प्रकार का संयोजन हमारे शरीर पर तुरंत बुरा प्रभाव नहीं डालता। लेकिन इससे पैदा होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के उत्पन्न होने कई वर्ष लग सकते हैं। इसलिए अगली बार जब कोई व्यंजन बनाएं तो उसमे दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें।

दूध और मछली –

आयुर्वेद के अनुसार दूध के साथ मछली खाने से त्वचा पर सफेद धब्बे हो सकते हैं। लेकिन क्या यह सच हो सकता है? यदि तथ्यों पर नजर डालें तो इसमें कुछ सच्चाई हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, मछली और दूध दोनों एक दूसरे के विरोधी होते हैं। इन दोनों का संयोजन शरीर में अमा का विकास करता है। आयुर्वेद के अनुसार विषाक्त पदार्थों का सेवन बीमारियों का मूल कारण हैं। ऐसे में मछली और दूध का संयोजन एक विनाशकारी संयोजन के रूप में अमा को जन्म दे सकता है जो आपकी त्वचा को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा इन दोनों का संयोजन शरीर के विभिन्न चैनलों में रुकावट पैदा करता है और दिल बिमारियों का कारण बन सकता है। साथ ही इसका सेवन अपच का कारण बन सकता है।

दूध और मांस –

कई कॉन्टिनेंटल डिश में दूध तथा अन्य डेयरी प्रोडक्ट मुख्य इंग्रेडिएंट की तरह प्रयोग होते हैं। लेकिन बात अगर आयुर्वेद की करें तो डेयरी प्रोडक्ट्स के साथ मांस के संयोजन का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। दूध अपने आप में एक संपूर्ण भोजन है। यानि की इसमें कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। हमारे पाचन तंत्र को दूध पचाने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। मांस जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ इसे मिलाकर खाना पाचन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव डालता है। इसलिए आपको अपच, जी मिचलाना, बेचैनी होना, पेट में तेज दर्द होना और उल्टी आदि आने की संभावना बनी रहती है।

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