चीन की नई चाल! अपने प्रोडक्ट्स से मेड इन चाइना हटा कर, मेड इन पीआरसी लिखना किया शुरू।
भारत और चीन सीमा विवाद पर तनाव बढ़ने के साथ ही चीन को भारत के साथ व्यापारिक संबंधो में बड़ा नुकसान होने का अंदेशा लगने लगा है। लेकिन भारत के साथ व्यापार से होने वाले अच्छे खासे मुनाफे को चीन खोना नहीं चाहता। सीमा विवाद और गलवान घाटी में चीन की घटिया चाल के चलते भारत के लोगों में आक्रोश देखने को मिला है। इस समय देश में बायकॉट चाइनीज प्रोडक्ट्स मूवमेंट रफ्तार पकड़ता नज़र आ रहा है। इन सब के चलते चीन को भी भारत के साथ व्यापारिक संबंध डगमाने का डर अंदर ही अंदर कहीं न कहीं अब सताने लगा है। यही कारण है कि चीन ने अब नई चाल चलते हुए अपने प्रोडक्ट्स से मेड इन चाइना हटा कर मेड इन पीआरसी लिखना शुरू कर दिया है। चीन के इस मेड इन पीआरसी का अर्थ है (मेड इन पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना)। शायद चीन इस गलतफहमी में है कि इस तरह से अलग अलग तरीके अपनाकर वह लोगों को गुमराह कर सके। लेकिन इस मामले में भी वह विफल होता नजर आ रहा है।
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पहली बार नहीं हो रहा ऐसा
यहां आपको बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब चीन द्वारा अपने व्यापार के घाटे को कम करने इस तरह की चाल चली जा रही हो। इससे पहले भी वर्ष 2017 में डोकलाम विवाद के बाद देश में चाइनीज प्रोडक्ट्स के बहिष्कार मुहीम चली थी। जिसका असर चीन के व्यापार पर सीधे तौर पर पड़ा था। इस दौरान भी चीन में दिवाली पर घरों पर लगाए जाने वाली लड़ियों पर मेड इन चाइना लिखना बंद कर दिया था।
बॉयकॉट चाइनीज गुड्स समझें, मेड इन इंडिया और मेक इन इंडिया के बीच का फर्क।
चीन की चालाकी
भारत में हुए चाइनीज गुड्स का विरोध होते देख चीन समझने लग गया था कि उसके लिए भारत में मेड इन चाइना लिख कर अपने उत्पादों को बेच पाना आसान नहीं होगा। आप सब ने भी इस बात पर गौर किया होगा कि जब कभी भी आप कोई सामान खरीदते हैं (खासकर इलेक्ट्रिक) तो उस पर आप ये जरूर देखते हैं कि इस पर ‘मेड इन इंडिया’ लिखा गया है या ‘मेड इन चाइना’। ऐसे में जब चीन के सामान का विरोध किया जा रहा हो तो उस पर लिखे मेड इन चाइना से उसकी पहचान करना आसान हो रहा था। इस बात का अंदाजा अब चीनी कंपनियों को भी होने लगा था कि भारत में अब उनकी दाल नहीं गलने वालीं। इसके बाद चीन ने भारत में व्यापार के लिए नई रणनीति बनाते हुए, अपने सभी चीनी उत्पादों पर मेड इन चाइना की जगह मेड इन मेड इन पीआरसी लिखना शुरू कर दिया। सिर्फ इतना ही नहीं अपने प्रोडक्ट्स का विरोध होते देख चीन ने इन पर चाइनीज भाषा से लिखना बंद कर, प्रोडक्ट की सारी डिटेल्स अंग्रेजी भाषा में लिखनी शुरू कर दी।
और भी चालाकियां
चालाकियों से चीन का पुराना रिस्ता रहा है। चाइनीज प्रॉडक्ट्स पर मेड इन पीआरसी लिखने के साथ ही चीन ने अपने प्रॉडक्ट्स को भारतीय लुक देने की भी कोशिश की है। इसके तहत वह प्रॉडक्ट्स के नाम इस तरह रखता है जिससे वे भारतीय प्रतीत हों। इसलिए जब भी आप कोई भी सामान खरीदने जाएँ तो उसकी अच्छे तरफ से जाँच पड़ताल जरूर करें।
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