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5 जुलाई गुरु पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण होंगे एक साथ, जानें क्या रहेगा इस खास संयोग का प्रभाव।

साल 2020 में हमने चंद्र ग्रहण और सूर्यग्रहण दोनों देखे, लेकिन ये सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ। प्रतीत होता है, साल 2020 अपने पिटारे में ढेर सारे ग्रहण लेकर आया है। तैयार रहें आने वाली 5 जुलाई को लगने वाले चंद्र ग्रहण के लिए। 5 जुलाई को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण और भी खास हो जाता है क्योंकि इस दिन चंद्र ग्रहण के साथ गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) 2020 भी है। इन सब के बीच एक खास बात यह भी है कि 2018 के बाद यह लगातार तीसरा ऐसा साल है, जब गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा हो। हालाँकि 5 जुलाई को लगने वाले यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए इस दौरान सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इस बार का चंद्र ग्रहण को पूर्वी अफ्रीका, मध्य एशिया, दक्षिण एशिया में देखा जायेगा। यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। आइये जानते हैं 5 जुलाई गुरु पूर्णिमा के दिन लगने वाले इस चंद्र ग्रहण से जुडी कुछ जरुरी बातो के बारे में।

चंद्र ग्रहण का समय –

चंद्र ग्रहण शुरुआत: 08:38 सुबह
परमग्रास चन्द्र ग्रहण: 09:59 सुबह
चंद्र ग्रहण समाप्त: 11:21 सुबह
ग्रहण अवधि: 02 घण्टे 43 मिनट 24 सेकेंड

गुरु पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहर्त –

गुरु पूर्णिमा – रविवार 5 जुलाई 2020
पूर्णिमा प्रारम्भ तिथि – 4 जुलाई 2020 को 11:33 AM से
पूर्णिमा समाप्त तिथि – 5 जुलाई 2020 को 10:13 AM पर

क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण
जैसा कि हम जानते हैं चंद्र ग्रहण लगने के लिए सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा का एक सिद्ध में होना जरुरी होता है। उपछाया चन्द्र ग्रहण के दौरान सूरज और चंद्रमा के बीच जब पृथ्वी घूमते हुए आती है, तो यह तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते हैं। ऐसी परिस्थिति में चन्द्रमा के छोटी सी सतह पर छाया नहीं पड़ती है। चंद्रमा के शेष हिस्से में पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया पड़ती है। ऐसी परिस्थिति को उपच्‍छाया कहा जाता है।

नहीं होगा सूतक काल
क्योंकि इस बार का चंद्र ग्रहण उपच्‍छाया ग्रहण है और यह भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए इस बार इसके लिए कोई सूतक काल नहीं होगा।

कैसा रहेगा इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव
उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण यह हमारे देश भारत में नहीं दिखेगा और न ही इसके लिए कोई सूतक काल रहेगा। इसलिए इस बार के चंद्र ग्रहण का कोई खास असर नहीं प्रतीत हो रहा। सरल शब्दों में कहें तो गुरु पूर्णिमा के दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण का भारत में बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ने वाला।
वहीं ज्योतिष गणनाओं के मुताबिक देखें तो यह चंद्र ग्रहण धनु राशि में लगने वाला है। धनु राशि में गुरु बृहस्पति और राहु मौजूद हैं। धनु राशि के जातकों पर इस ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। मन में नकारात्मक विचार आने की संभावना बनी रहेगी। आपको मन को नियंत्रित रखने के लिए ध्यान का सहारा लेना चाहिए। धनु के आलावा कर्क, सिंह और कन्या राशि पर भी इस ग्रहण का असर देखने को मिल सकता है। इस दौरान आप ध्यान में ही समय बिताएं।

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