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5 जुलाई 2020 को मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा, जानें शुभ मुहर्त और पूजा विधि।

गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। हिंदू रीती रिवाजों में इसे बड़े अहम दिन के रूप में देखा जाता है। प्राचीन काल से ही गुरुओं को हमारे धर्म में भगवान से भी ऊपर का दर्जा प्राप्त है। माना जाता है कि गुरु ही मनुष्य को ज्ञान की सही राह दिखा कर उसे जीवन का महत्त्व और संसार में उसके कार्यों से अवगत करवाते है। इसलिए हर किसी को एक ऐसे अच्छे गुरु की तलाश होती है जो उसे उसके जीवन के लक्ष्य तक पहुंचाने और सदमार्ग की राह दिखा सके। गुरुओं की इन्ही सब महत्वताओं के कारण हमारे देश में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) पर्व 5 जुलाई 2020 को मनाया जायेगा। इस बार की गुरु पूर्णिमा कई मायनों में खास है। इस बार 5 जुलाई 2020 को गुरु पूर्णिमा के साथ चंद्र ग्रहण भी साथ में है। आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा 2020 के शुभ मुहुर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में।

गुरु पूर्णिमा 2020
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गुरु पूर्णिमा 2020

गुरु पूर्णिमा का महत्व –

हिन्दू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है और इसे व्‍यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। प्राचीन काल से ही हमारे देश में एक से बड़कर एक ऋषि-मुनियों ने देश को अपने अपार ज्ञान से सींचा है और वेद, ग्रंथ आदि की रचनाएं की हैं। ऐसे ही एक महा गुरु महर्षि वेद व्यास जी थे, जो महाभारत के भी रचयिता थे। इसके अलावा सभी 18 पुराणों के रचयिता भी महर्षि वेदव्यास जी को माना जाता है। यही कारण है कि गुरु पूर्णिमा को व्‍यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

गुरु पूर्णिमा 2020 कब है –

हिन्‍दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस बार 4 जुलाई को दिन में 11 बजकर 33 मिनट से प्रारम्भ होकर 5 जुलाई को 10 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक हर साल जुलाई के महीने में गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है और इस साल गुरु पूर्णिमा 5 जुलाई 2020 को मनाई जाएगी।

गुरु पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहर्त –

गुरु पूर्णिमा – रविवार 5 जुलाई 2020
पूर्णिमा प्रारम्भ तिथि – 4 जुलाई 2020 को 11:33 AM से
पूर्णिमा समाप्त तिथि – 5 जुलाई 2020 को 10:13 AM पर

चद्रं ग्रहण के साथ गुरु पूर्णिमा –

5 जुलाई 2020 को मनाए जाने वाली यह गुरु पूर्णिमा और भी खास हो जाती है क्योंकि इस बार गुरु पूर्णिमा के साथ चंद्र ग्रहण (lunar eclipse 2020) भी होगा। हालाँकि इस बार का यह चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। साथ ही इस बार चंद्र ग्रहण के दौरान कोई सूतक भी नहीं होगा।

गुरु पूर्णिमा पूजा विधि –

गुरु पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में खास महत्व होता है। लेकिन यदि आप विद्यार्थी हैं तो इसका महत्व और भी अधिक बड़ जाता है। इस दिन आपको अपने गुरुओं और माता-पिता के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद ग्रहण करना चाहिए। साथ ही विद्या की देवी मां शारदे की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इस दिन पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान करें। इसके बाद अपने गुरु का ध्यान करें। यदि आपके गुरु आपके समीप है तो उनके चरण धोकर उनकी विधिवत पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करें। बाद में उन्हें भोग लगाकर दक्षिणा देकर विदा करें। यदि गुरु समीप न हों तो उनकी फोटो को सामने रख विधिवत आरती करें।

इन मंत्रों का करें जाप –

”गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये”

ओम गुरुभ्यो नम:।

ओम गुं गुरुभ्यो नम:।

ओम परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नम:।

ओम वेदाहि गुरु देवाय विद्महे परम गुरुवे धीमहि तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्।

गुरूर्ब्रह्मा गुरूर्विष्णुः गुरूर्देवो महेश्वरः।

गुरू साक्षात् परंब्रह्म तस्मै श्री गुरूवे नमः॥

5 जुलाई गुरु पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण होंगे एक साथ, जानें क्या रहेगा इस खास संयोग का प्रभाव।

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