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Essay On Peacock In Hindi : मोर पर निबंध लिखने का तरीका।

Essay On Peacock In Hindi…कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए आज हम लेकर आये हैं राष्ट्रीय पक्षी (National Bird In Hindi) मोर पर निबंध। होम एग्जाम हो या बोर्ड एग्जाम मोर पर निबंध (Mor Par Nibandh) अक्सर परीक्षाओं में पूछा जाता रहता है। इसलिए अच्छी तरह से आप इसकी तैयारी कर लें। इस लेख में हम आपके लिए लेकर आए हैं राष्ट्रीय पक्षी मोर से जुडी कुछ ऐसी अहम जानकारियाँ जो निबंध लिखने में बहुत मददगार साबित होंगी। आपको बता दें कि हमारे देश भारत में मोर का धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से विशेष महत्व है।

मोर पर निबंध
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मोर पर निबंध लिखने का तरीका (Mor Par Nibandh) – Essay On Peacock In Hindi.

Essay On Peacock In Hindi : भूमिका –

मोर जंगल में पाए जाने वाले एक बहुत सुंदर पक्षी है। यह बहुत मन मोहक नृत्य भी करता है। यह एक सर्वाहारी पक्षी है। यह फल सब्जी के अलावा कीड़े-मकोड़े, सांप और छिपकली को भी खाता है। मोर को मयूर के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टेटस है। मोर को हमारे देश भारत में राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा भी प्राप्त है। इसे यह दर्जा भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी 1963 में दिया गया था। भारत के अलावा म्यांमार और श्रीलंका का भी राष्ट्रीय पक्षी भी मोर है।

Essay On Peacock In Hindi : मोर की प्रजातियां –

मोर अधिकतर देशों में नीले रंग का पाया जाता है। लेकिन दुनिया भर में इसकी तीन प्रजातियां मौजूद हैं। मोर की प्रजातियां कुछ इस प्रकार से हैं –

नीला मोर – यह दिखने में सबसे अधिक सुंदर लगता है इसकी गर्दन नीले रंग की होती है। यह प्रजाति मुख्यतः भारत, नेपाल और श्रीलंका जैसे देश में पायी जाती है।

हरा मोर – इस प्रकार के मोर की गर्दन हरे रंग की होती है। देखने में यह भी बहुत सुंदर लगता है। मोर की यह प्रजाति जावा द्वीप और म्यामार में देखने को मिलती है।

कांगो मोर – मोर की यह प्रजाति अफ्रीका में पायी जाती है। इस प्रजाति के मोर अधिक ऊंचाई पर उड़ने पर सक्षम नहीं होते। हालाँकि इनके सूंघने की शक्ति बहुत तेज होती है।

Essay On Peacock In Hindi : मोर की विशेषताएं –

नर मोर मादा मोरनी के मुकाबले अधिक सुंदर दिखता है। इसके अलावा आकर के मामले में भी नर मोर का आकर मादा के मुकाबले बड़ा होता है। जब यह अपने पंख फैलता है तो इनपर सुंदर चन्द्र आकृति वाले डिजाइन नजर आते हैं। हमारे देश में नीले रंग की गर्दन वाला मोर अधिक मात्रा में पाया जाता है। जिसके सिर पर एक सुंदर कलगी मौजूद होती है। जिसे देखने पर ऐसा प्रतीत होता है मानो किसी पक्षी ने राजा का मुकुट धारण कर लिया हो। अपनी इन विशेषताओं के चलते मोर पक्षियों का राजा (king of birds in hindi) भी कहलाता है।

मोर एक ऐसा पक्षी है जिसके पंख और शरीर तो बहुत सुंदर है लेकिन पैर बदसूरत होते हैं। मोर एक शांत स्वाभाव का पक्षी है जिसे आसमान में ऊँचीं उड़ान भरना पसंद नहीं होता। इसके पीछे का एक बड़ा कारण यह भी है कि इस पक्षी का वजन बहुत अधिक होता है। ऐसे में इसके लिए लम्बी और ऊँचीं उड़ान भरना संभव नहीं होता। मोर को मानसून का मौसम बहुत पसंद होता है और आसमान में बदाल छाने पर यह मनमोहक नृत्य भी करता है।

Peacock essay in hindi : मोर पक्षी का इतिहास और महत्व –

मोर हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी (national bird of india in hindi) है। हिन्दू धर्म में मोर पक्षी को बहुत खास माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण के मुकुट में भी मोर पंख लगे होते हैं। इसके अलावा मोर को भगवान कार्तिकेय की सवारी भी माना जाता है। वास्तुशास्त्र के मुताबिक मोर पंख में नवग्रहों का वास माना जाता है। घर में मोर पंख लगाने से पॉजेटिव ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा ऑफिस या कार्यस्थल में मोर पंख लगाने से व्यापार और काम धंदे में तरक्की होती है।
मोर के इतिहास की बात करें तो प्राचीन काल में कई ऐसे राजा महाराजा थे, जिनका पसंदीदा पक्षी मोर था। प्रसिद्ध सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल में जो सिक्के चलते थे उनमें एक तरफ मोर का चित्र बना हुआ था। इसके अलावा प्रसिद्ध मुगल बादशाह शाहजहाँ ने एक तख़्त-ए-ताऊस बनवाया था। जिसे मयूर-सिंहासन के नाम से जाना जाता था। इसमें उन्होंने दो मोरों को नाचते हुए दर्शाया गया था।

Peacock essay in hindi : मोर का जीवनकाल –

मोर जंगल में रहने वाला पक्षी है, मोर का जीवनकाल लगभग 20 वर्ष का होता है। अपने जीवन काल के दौरान यह सूखी पत्तियों और टहनीयों से बनाये घोसलें में रहता है। नर मोर मादा मोरनी को रिझाने के लिए पंख फैला कर नृत्य करता है और उसके साथ प्रजनन करता है। मोरनी झाड़ियों में अपने अंडे देती है, एक बारी में यह 5 से 12 अंडे देती है। मोरनी के इन अण्डों से बच्चे 25 से 30 दिनों में निकल आते हैं।

Peacock essay in hindi : मोर संरक्षण कानून –

देश का राष्ट्रीय पक्षी होने के बावजूद आज मोर हमारे देश में विलुप्त होने के कगार पर है। जिसे देखते हुए देश में पहली बार सन् 1972 में मोर संरक्षण कानून बनाया गया। इसके अलावा भी भारत सरकार कई ऐसे अभियान संचालित करते रहती है जिनके द्वारा मोरों के संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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