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Essay on My School in Hindi : स्कूल पर निबंध लिखने का तरीका।

Essay on My School in Hindi…यदि आप स्कूल के विद्यार्थी है तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ख़ास होने वाला है। आज हम आपके लिए लेकर आएं है स्कूल पर निबंध लिखने का तरीका। किसी भी टॉपिक के ऊपर निबंध लिखना एक कला है। बिना इसे जाने आप कभी भी एक अच्छा निबंध नहीं लिख सकते हो। विद्यालय के ऊपर निबंध लिखने जा रहे हैं तो सबसे पहले आपको विद्यालय की छवि और वहां के वातावरण को अपने सम्मुख रखना चाहिए। ऐसा करने से आप अच्छे तरीके से अपनी बात को निबंध लेखन में उतार पाएंगे। आईये जानते हैं (My school essay in hindi) स्कूल पर निबंध लिखने का तरीका।

स्कूल पर निबंध
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Contents

स्कूल पर निबंध लिखने का तरीका – Essay on My School in Hindi

My school essay in hindi : प्रस्तावना –

विद्यालय का संधि विच्छेद करें तो यह दो शब्दों से मिलकर बना है “विद्या + आलय” अर्थात् विद्या का स्थान। आसान शब्दों में कहे तो विद्यालय एक ऐसा शिक्षण स्थान हैं जहाँ बच्चा अच्छी शिक्षा के साथ-साथ, अच्छे संस्कार भी सीखता है। यही कारण है कि विद्यालय को विद्या का मंदिर भी कहा जाता है। यदि आपको अपने जीवन में सफल होना है तो इसके लिए आपको एक ऐसे गुरु की आवश्यकता होती है जो आप पर अपने ज्ञान सागर की गंगा बहाये, आपको अच्छे संस्कार सिखाये और आपका सही मार्गदर्शन करे। इसके लिए आपको विद्यालय में दाखिला लेने की जरूर होती है।

Essay on My School in Hindi : मेरे विद्यालय का नाम और स्थल –

मेरे स्कूल का नाम जे पी एम मेमोरियल पब्लिक स्कूल है। यह राजधानी दिल्ली में स्थित है। स्कूल से मेरे घर की दूरी लगभग बारह किलोमीटर है। हमारे स्कूल की बस हमारी सोसायटी के गेट तक आती है और छुट्टी के बाद हमें सोसायटी के गेट पर छोड़ भी देती है। मेरे स्कूल के आस-पास का वातावरण बहुत साफ, सुंदर और शांत है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह शहरी भीड़ से दूर स्थित है।

Essay on My School in Hindi : मेरे विद्यालय की इमारत –

मेरे विद्यालय की एक बहुत सुंदर और भव्य दो मजिल की इमारत है जो अंग्रेज़ी के एल शेप में बनी है। मेरे विद्यालय के सामने की तरफ बहुत बड़ा ग्राऊंड मौजूद है। जिसमें कई प्रकार की खेलकूद से जुडी एक्टिविटी होती रहती हैं। विद्यालय में 50 कमरे हैं और सभी कमरे हवादार हैं। साथ ही सभी में लाइट और फैन लगे हुए हैं। मेरे विद्यालय में प्री नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक की पढ़ाई होती है।

Essay on My School in Hindi : मेरे विद्यालय का परिसर –

मेरे विद्यालय के आगे की और बहुत बड़ा मैदान है। जिसमें बहुत छोटी-छोटी घास लगी हुई है। साथ ही इसके चारों और छोटे-छोटे आकर के वृक्ष लगे हुए हैं जो मैदान की शोभा बढ़ाने का काम करते हैं। इसके अलावा हमारे विद्यालय परिसर में छोटे-छोटे कई गार्डन भी मौजूद हैं, जिनमे कई प्रकार के फूल लगे हुए हैं। इस तरह का हरियाली भरा वातावरण विद्यालय परिसर की शोभा में चार चाँद लगाता हैं। विद्यालय के पीछे के परिसर में एक छोटा मैदान मौजूद है और वहां स्कूल की बसें खड़ी होती हैं।

My school essay in hindi : मेरे विद्यालय की सुविधाएँ –

सुविधाओं की बात करें तो मेरे स्कूल सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाओं से भरपूर है। स्कूल की सभी कक्षाओं में CCTV कैमरे लगे हुए हैं। स्कूल में डांस क्लास, म्यूजिक क्लास, कम्प्यूटर क्लास, पर्सनालिटी डवलवमेंट क्लास, साइंस लैब, लाइब्रेरी, ऑडीटोरियम और वर्चुल क्लास की सुविधा उपब्ध है। स्कूल में हर शनिवार, हर क्लास को कुछ न कुछ क्रिएटिव एक्टिवटी करवाई जाती हैं। जिससे बच्चों को काफी कुछ नया सीखने को मिलता है। इन सबके के अलावा विद्यालय में बच्चों और स्टाफ के लिए नीट एंड क्लीन वाशरूम भी मौजूद है।

My school essay in hindi : मेरे स्कूल का टीचिंग स्टाफ –

हमारे स्कूल का टीचिंग साफ़ बहुत अच्छा और पूर्ण रूप से प्रोफेशनल है। हर एक टीचर अपने सब्जेक्ट का ज्ञाता है। सभी टीचर पूरी सिद्धत के साथ बच्चों को पढ़ाते हैं। इसके अलावा बच्चों द्वारा पूछी गयी सभी समस्याओं को हल करने की पूरी कोशिश करते हैं। यदि आप अच्छी से स्कूल में टीचर की पढाई हर बात समझ लेते हैं तो आपको किसी बाहर से किसी प्रकार का कोई ट्यूशन लेने की जरूरत नहीं होती। टीचर्स के साथ-साथ स्कूल के प्रिंसिपल भी हाईली एजुकेटड व्यक्ति हैं। स्कूल को अच्छी दिशा में कैसे ले जाना है इस काम में वो माहिर हैं।

My school essay in hindi : विद्यालय के समारोह और प्रतियोगिताएं –

पढ़ाई के साथ-साथ मेरा स्कूल अन्य गतिविधियों में भी हमेशा आगे रहता है। हर सप्ताह के अंत में स्कूल में कुछ न कुछ एक्टिविटी जरूर करवाई जाती है। जिसमें सभी विद्यार्थी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। इसमें अव्वल आने वाले विधार्थियों को पुरूस्कार भी दिए जाते हैं। साथ ही विद्यालय में कई प्रकार के इनडोर और आउटडोर खेलकूद प्रतियोगिताओं को भी संचालित किया जाता है। इसके अलावा हर महीने में एक बार पैरेंट्स-टीचर मीटिंग भी करवाई जाती है। साल के अंत में वार्षिक उत्स्व का आयोजन भी किया जाता है।

उपसंहार –

एक तरह जहाँ बच्चों को आने वाले कल का भविष्य भी कहा जाता है वहीं टीचर्स को भी भगवान से कम नहीं आका जाता। किसी भी राष्ट्र के विकास में वहां के युवा अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि बचपन से ही बच्चों को एक ऐसा स्थान मिलें जहाँ उन्हें ज्ञानी गुरु का सानिध्य प्राप्त हो। ऐसे में विद्यालय एक ऐसा स्थान बनकर सामने आता है। जहाँ से बच्चा अपने आने वाले भविष्य की नीवं रखता है। यदि उसकी नीव बचपन से ही मजबूत होगी तो आगे चलकर वो देश के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।

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