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अवसाद (डिप्रेसन) के कारण भूलकर भी न उठाएं सुशांत सिंह राजपूत जैसा सुसाइड का कदम, डिप्रेसन से दूर रखें ये उपाय।

साल 2020 बॉलीवुड के लिहाज से कुछ अच्छा घटित होता नहीं नजर आ रहा है। कोरोना प्रकोप के चलते पिछले कई दिनों से कई सारे इवेंट्स और प्रोजेक्ट्स ठंडे बस्ते में पड़े चले गए हैं, जिसके चलते कई कलाकारों को आजकल अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना प्रकोप कारण पैदा हुए ऐसी विषम परिस्थितियों के चलते कई कलाकार अवसाद, स्ट्रेस का शिकार भी होने लगे हैं। अब से कुछ हफ्तों पहले क्राइम पेट्रोल की अभिनेत्री प्रेक्षा मेहता की सुसाइड की खबरें सामने आयी थी जिसका कारण अवसाद (डिप्रेसन) को बताया गया था। उसके बाद सुशांत सिंह की मैनेजर की आत्महत्या की खबर मिली और अब खुद सुशांत सिंह राजपूत ने सुसाइड कर लिया। खबरों के मुताबिक अभिनेता पिछले 6 महीनों से अवसाद (डिप्रेसन) के शिकार थे। अभी तक की प्राथमिक जाँच के मुताबिक यह माना जा रहा है कि अभिनेता ने अवसाद (डिप्रेसन) के चलते सुसाइड किया होगा।

यदि आपको भी इस कोरोना काल के दौरान अवसाद (डिप्रेसन) जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो तो भूलकर भी अपने भय, कमजोरी, नेगेटिवटी, स्ट्रेस को खुद पर हावी न होने दें और एक बात को अपने दिमाग में अच्छी तरह से बैठा लें सुसाइड करना किसी समस्या का समाधान नहीं होता। ये आपके ऊपर कुछ समय के लिए हावी हो चुकी नेगेटिविटी है जो आपको ऐसा कदम उठाने के लिए प्रेरित करती है। इसलिए हमे ऐसी विषम परिस्थिति में खुद का हौंसला टूटने नहीं देना चाहिए और ऐसे लोगों के सम्पर्क साधना चाहिए जिनसे आपको पॉजेटिव वाइब्रेशन मिलें। आईये एक नजर डालते हैं आखिर क्यों हो जाते हैं लोग अवसाद (डिप्रेसन) के शिकार और क्या हैं इससे दूरी बनाये रखने के उपाय। साथ ही जानिए ऐसी परिस्थितियों में क्या करना चाहिए जहां आप अवसाद (डिप्रेसन) के कारण सुसाइड जैसे कदम को उठाने के बारे में सोचने लगें।

अवसाद (डिप्रेसन)  सुसाइड
courtesy pintrest

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अवसाद (डिप्रेसन) –

क्या होतें है अवसाद (डिप्रेसन) का कारण –

अवसाद (डिप्रेसन) के कई कारण हो सकते हैं। देखा जाये तो हर व्यक्ति के लिए इसके अलग अलग कारण हो सकते हैं। किसी को अपनी जॉब को लेकर, शिक्षा को लेकर, एग्जाम को लेकर, करियर को लेकर, शादी को लेकर, प्यार को लेकर, घरेलू मसलों को लेकर, क़ानूनी विवादों को लेकर, जमीन जायजाद को लेकर, व्यापर को लेकर या आदि अन्य कई कारणों के चलते अवसाद (डिप्रेसन) हो सकता है।

कहीं आप भी कोरोना वायरस के कारण फीयर साइकोसिस के शिकार तो नहीं हो रहे?

जब आने लगे अवसाद (डिप्रेसन) के कारण सुसाइड का ख्याल –

अधिकांश मामलों में अवसाद (डिप्रेसन) शुरूआती दौर में व्यत्कि पर अधिक हावी नहीं होता है। लेकिन अगर आप इसे इग्नोर करते रहते हैं तो एक समय के बाद ऐसी परिस्तिथियाँ बनने लगती हैं जब व्यक्ति पर उसके खुद के सोचने समझने कि क्षमता के ऊपर अवसाद (डिप्रेसन) हावी होने लगता है। ऐसे में व्यक्ति खुद को अकेला और सबसे अलग थलग महसूस करने लगता है। समस्या बढ़ने के साथ साथ व्यक्ति अंदर ही अंदर टूटने लगता है। व्यक्ति पर नकारात्मकता इस कदर हावी होने लगती है कि उसे हर एक चीज करने में असफलता का भय सताने लगता है। ऐसे में व्यक्ति अपनी समस्या को अन्य किसी के साथ साझा करने में भी हिचकिचाने लगता है। थक हार कर व्यक्ति अपनी जीवन लीला समाप्त कर इस अवसाद (डिप्रेसन) से छुटकारा पाने के बारे में सोचने लगता है।

अवसाद (डिप्रेसन) के दौरान क्या करना चाहिए –

यदि आपको लगता है आप अवसाद (डिप्रेसन) के शिकार हो चुके हैं तो आपको एक पल का समय गवाएं बिना ही किसी अच्छे जाने माने काउंसलर या फिर मनोचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। यदि आपको कोई नजदीकी काउंसलर या फिर मनोचिकित्सक नहीं मिल पा रहा हो तो ऐसी परिस्थिति में इंटरनेट का सहारा लें, यहाँ आपको आपको कई सारे ऐसे हेल्पलाइन नंबर मिल जाएंगे जो आपकी मदद के लिए 24×7 घंटे आपकी तत्काल प्रभाव से सहायता करने के लिए तैयार रहते हैं। इसके आलावा आप अपनी फैमली के सदस्यों या अन्य किसी करीबी से बात कर उसे अपनी समस्या के बारे में बताएं।

अगर आप को भी हैं ये लक्षण, तो आप भी हो सकते हैं डिप्रेशन (अवसाद) के शिकार।

सुसाइड का ख्याल आए तो क्या करें –

जैसा कि हमने आपको बताया की चाहे कुछ भी हो जाये आपको अपनी नेगेटिविटी को खुद पर हावी नहीं होने देनी है। ऐसा करने के लिए आप अपने मन को उन सब बातों से हटाएँ जो आपको सुसाइड जैसे कदम को उठाने के लिए धकेल रही हो। कुछ देर खुली हवा में बैठे आँखे बंद करके लम्बी लम्बी साँस भरते हुए 15 से 20 मिनट मेडिटेशन करें। इस दौरान अच्छी घटनाओं को याद करें और सोचे की कैसे आप फिर से आगे बड़ सकते हैं। इसके अलावा अपने किसी फैमिली मेंबर या दोस्त से लगातार फोन पर बातें करते रहें और उसे आपका मनोबल बढ़ाने को कहें। कुछ देर अपने पसंद का मयूजिक सुनें, पिक्चर देखें या गेम खेलें। मन में जब भी अधिक नकारात्मक विचार आने लगे तो कभी भी खुद को अकेला न छोड़ें अपने परिवार या दोस्तों के साथ समय व्यतीत करें।

सुशांत सिंह राजपूत ने की आत्महत्या, कुछ दिनों पहले अपनी माँ को याद करते हूए लिखा था यह इमोशनल पोस्ट।

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