कोविड मरीजों को ऑक्सीजन स्तर कम होने पर क्या करना चाहिए? सरकार ने बताया।
देश में कोरोना वायरस का प्रसार इस समय अपने चरम पर है। तेजी से फ़ैल रहा संक्रमण कई लोगों को अपना शिकार बना रहा है। अचानक से बड़े संक्रमण ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को चरमरा के रख दिया है। कई राज्यों में कोविड संक्रमित मरीजों को हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल पा रहा तो कई राज्यों के हॉस्पिटल मेडिकल ऑक्सीजन की किल्ल्त से जूझ रहे हैं। महामारी के इस दौर में कई मरीज ऐसे भी जो डॉक्टर की सलाह पर होम आइसोलेसन पर इलाज करवा रहे हैं। ऐसे मरीजों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है। जिसमें मंत्रायल ने कोविड मरीजों को ऑक्सीजन स्तर कम होने पर क्या करना चाहिए इस बारे में सुझाव दिया है। कोविड के इस दौर में आपका या आपके अन्य किसी जाने वाले का ऑक्सीजन स्तर कम हो रहा हो तो उसे मंत्रायल द्वारा बताये गए इन टिप्स को जरूर अपना चाहिए। आईये जानते हैं कोविड मरीजों को ऑक्सीजन स्तर कम होने पर क्या करना चाहिए?
Contents
कोविड मरीजों को ऑक्सीजन स्तर कम होने पर क्या करना चाहिए –
अपनाएं प्रोनिंग टेक्निक –
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ट्वीट के माध्यम से कोविड मरीजों को ऑक्सीजन स्तर कम होने पर प्रोनिंग टेक्निक को अपनाने की सलाह दी है। अपने इस ट्वीट में उन्होंने बताया कि प्रोनिंग (Proning) यानि पेट के बल लेटने से कोरोना के मरीज ज्यादा बेहतर ढंग से सांस ले सकते हैं। इस ट्वीट के माध्यम से मंत्रालय ने यह भी समझाया कि कैसे कोरोना संक्रमित मरीज को प्रोनिंग पोजीशन में लेटने से उन्हें सांस लेने में मदद मिलती है और वेंटिलेशन में सुधार होता है। हालांकि इस पोजीशन को सिर्फ उन संक्रमित मरीजों को लेटना चाहिए जिनका ऑक्सीजन स्तर 94 प्रतिशत से नीचे हो।
क्या है प्रोनिंग टेक्निक –
- प्रोनिंग टेक्निक अपनाकर मरीज अपना ऑक्सीजन लेवल सुधार सकता है।
- ऑक्सीजनाइजेशन टेक्निक में ये प्रक्रिया 80 प्रतिशत तक कारगर है।
- मेडिकली भी ये प्रूव हो चुका है कि प्रोनिंग टेक्निक अपनाने से सांस लेने में हो रही दिक्क्त में आराम मिलता है।
- होम आइसोलेशन वाले कोविड मरीजों के लिए प्रोनिंग टेक्निक काफी मददगार है।
- इससे खून में ऑक्सीजन लेवल के बिगड़ने पर इसे नियंत्रित पाया जा सकता है।
- आईसीयू में भी भर्ती मरीजों में इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।
- वेंटिलेटर नहीं मिलने की स्थिति में यह प्रक्रिया सबसे अधिक कारगर है।
प्रोनिंग करने का तरीका –
इस पोजीशन में लेटने के लिए सबसे पहले एक एक तकिया अपनी गर्दन के नीचे, एक या दो तकिया अपने सीने और पेट के नीचे, दो तकिये अपनी टांगों के नीचे रखें। इसके बाद पेट के बल 30 मिनट के लिए लेट जाएँ। फिर फिर 30 मिनट तक अपने सीधे हाथ की तरफ लेटें, फिर 30 मिनट तक अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाकर लेटें और फिर 30 मिनट तक उल्टे हाथ की तरफ लेटें। इन सभी प्रक्रियाओं को दोहराते रहें।
#Unite2FightCorona
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) April 22, 2021
Proning as an aid to help you breathe better during #COVID19 pic.twitter.com/FCr59v1AST
कोरोना मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत कब पड़ती है?
प्रोनिंग के दौरान बरतें ये सावधानियां –
- इसे करते समय मरीज को लगातार लम्बी लम्बी लगातार सांस लेते रहें।
- इस तकनीक में अपनाये जाने वाली किसी भी पोजीशन में 30 मिनट से ज्यादा देर तक नहीं रहना है।
- खाना खाने के एक घंटे बाद तक प्रोनिंग न करें।
- इस तकनीक को तब तक अपनाते रहें जब तक इससे आराम मिलता रहे।
- हर 30 मिनट के बाद अपनी पोजीशन बदल-बदल कर इस प्रकिया को दोहराते रहें।
- गर्भावस्था, हृदय रोग या फिर कोई गंभीर चोट होने पर प्रोनिंग न करें।
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