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पड़ न जाए कोरोना काल में रेस्टोरेंट में खाना खाना भारी, पहचाने इन छुपे खतरों को।

कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार देश में लगातार जारी है। वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच देश में अनलॉक की प्रकिया भी जारी है। ऐसे में सरकार द्वारा लोगों को वायरस से बचने के लिए तरह तरह के दिशा निर्देश भी जारी किये जा रहे हैं। इनमें सबसे मुख्य है, घर से बहार निकलने के दौरान मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से पालन करना। इसमें कोई दोराय नहीं कि लम्बे समय तक चले लॉकडाउन के कारण, लोग काफी समय से घर से न बहार निकले, न ही बाहर का कुछ खाया। हालाँकि अब देशभर शुरू हुई अनलॉक की प्रक्रिया में सभी रेस्टोरेंट खुलने लगे हैं।
महीनों तक घर का बना खाना खाने के बाद लोग अब रेस्टोरेंट के खाने का भी लुप्त उठाने लगे हैं। लेकिन इन सब के बीच आपको ये नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना वायरस का खतरा अभी भी पहले जितना बना हुआ है। कई लोग इन खतरों की सही से मैपिंग नहीं कर पाते हैं और निकल पड़ते हैं कोरोना काल में रेस्टोरेंट में खाना खाने। आप को एक बात अच्छी तरह से समझ लेनी चाहिए कि जबतक कोरोना वायरस का प्रकोप देश में पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता, तब तक आपको होटल, रेस्टोरेंट में खाना खाने की प्लानिंग बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि होटल, रेस्टोरेंट खाने में स्वच्छता और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर अभी भी कहीं न कहीं जरूरत से अधिक ढील दिखाई दे रही है। ऐसे में कोरोना काल में रेस्टोरेंट में खाना बिलकुल सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। आईये जानते हैं कोरोना काल में रेस्टोरेंट में खाना खाने पर कौन-कौन से अनजान खतरों का सामना करना पड़ सकता है।

कोरोना काल में रेस्टोरेंट में खाना
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Contents

पहचाने रेस्टोरेंट में छिपे खतरे –

कटलरी समेत अन्य समानों में मौजूद हो सकता है खतरा –

सरकार की गाइडलाइन के अनुसार रेस्टोरेंट में बैठे हर कस्टमर के जाने के बाद फर्नीचरों को सेनिटाइज किया जाना चाहिए। लेकिन रियलिटी में बेहद गिने चुने रेस्टोरेंट्स ही इन नियमो का पालन करते हुई नजर आ रहे हैं। अधिकतर रेस्टोरेंट अभी भी अपने पुराने ढर्रे पर कायम हैं और नियमो की धज्जियाँ उड़ाते नजर आ रही हैं। इसलिए ऐसी जगहों पर खाना खाने से आपको कोरोना वायरस हो जाने का हाई रिस्क बना रहता है। ऐसा भी हो सकता है कि आपसे पहले बैठे हुए व्यक्ति को कोराना वायरस हो और उसने मेन्यू कार्ड, टेबलक्लॉथ, नैपकिन आदि को छुआ हो। इसके अलावा रेस्टोरेंट में खाना खाने में एक रिस्क यह भी है कि वहां उपयोग में लाए जाने वाली कटलरी को रेस्टोरेंट के कई कर्मचारियों द्वारा छुआ जाता है। ऐसे में किसी संक्रमित व्यक्ति के वजह से आप भी खतरे में पड़ सकते हैं।

छिपे हुए अनजान खतरे –

गाइडलाइन के तहत होटल में प्रवेश के समय थर्मल स्कैनिंग अनिवार्य है। लेकिन कोरोना के कई मामलों में यह देखा गया है कि कुछ लोगों में वायरस मौजूद होने के बावजूद संक्रमण के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में खतरा कई गुना अधिक बड़ जाता है, व्यक्ति को लगता है वह पूर्णतः स्वस्थ्य है जबकि असल में वह एक वायरस वाहक का कार्य कर रहा होता है। यदि आप कोरोना काल में रेस्टोरेंट में खाना खाते समय ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में आ जाते हैं, तो आपको भी संक्रमण हो जाने का खतरा बढ़ जाता है।

अजनबियों के साथ संपर्क में आना –

गाइडलाइन के अनुसार वायरस से बचने के लिए लोगों के बीच एक दूसरे से 6 फीट की दूरी अनिवार्य है। लेकिन कई मामलों में यह फेल होता नजर आता है। उदाहरण के तौर पर जब कोरोना काल में रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं, तो वहां मौजूद वेटर से आपका इंटरेक्शन (ऑडर देने से खाना सर्व होने तक) कई बार होता है। ऐसे में स्वाभाविक बात है कि वेटर कई बार आपके संपर्क में आएगा। यहाँ खतरा यह नहीं है कि वह सिर्फ आपके सम्पर्क में आ रहा है, बल्कि वह वहां मौजूद अन्य लोगों से भी ऑडर लेने के दौरान उनके सम्पर्क में आ रहा है। इसलिए कोरोना काल में रेस्टोरेंट में खाना खाने के दौरान कोरोना वायरस का खतरा दो गुना बढ़ जाता है। इस चीज को ध्यान में रखते हुए बहुत से रेस्ट्रोरेंट्स आजकल आपको टेकआउट या होम डिलीवरी का विकल्प भी प्रदान कर रहें हैं।

खतरनाक है सार्वजनिक स्थानों का एयर-कंडीशनर –

जैसा कि कोरोना वायरस को लेकर शोधकर्ता पहले भी यह कह चुके हैं कि सेंट्रल एयर कंडीशनर का प्रयोग कोरोना वायरस के प्रसार का कारण हो सकता है। ज्यादातर होटल और रेट्रोरेंट्स में आजकल सेंट्रलाइज एयर कंडीशनर का ही प्रयोग किया जा रहा है। इस प्रकार के वातावरण में वायरस के एरोसोल हवा में मौजूद हो सकते हैं और आप उनका अगला टार्गेट हो सकते हैं। इसलिए हम आपको यही सलाह देंगे कि कोरोना काल में रेस्टोरेंट में खाना खाने से बचना चाहिए।

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