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कोरोना वायरस: लॉकडाउन के दौरान ऐसे मनाएं रामनवमी 2020 का पर्व।

रामनवमी का पर्व हर साल की तरह इस साल भी आने वाला है, हिन्दू धर्म में रामनवमी पर्व बहुत ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। जैसा कि आप जानते हैं इस समय हमारे देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन चल रहा है, जिसका पालन करना आपकी नैतिक जिम्मेदारी है। ऐसे में रामनवमी के इस पर्व में मंदिर जाने से बचें, क्योंकि भीड़ भाड़ वाली जगह में जाने पर कोरोना वायरस हो जाने का खतरा बड़ जाता है। इसका ताजा उदाहरण दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में हुआ तबलीगी जमात है, जहाँ तकरीबन देश विदेश से आये 2100 से अधिक लोग एक साथ मौजूद थे। जिनमे से कई लोगों कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इसलिए ऐसे किसी भी खतरे से बचने, लॉकडाउन के नियमों का पालन करने और कोरोना वायरस से बचने के लिए रामनवमी के इस पावन पर्व पर मंदिर जाने की जगह घर पर पूजा पाठ सम्पन्न करें।

कोरोना वायरस लॉकडाउन रामनवमी
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क्यों मनाया जाता है रामनवमी का पर्व –

हिन्दू धर्म में रामनवमी का पर्व भगवान राम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन अयोध्या में हुआ था। माना जाता है कि भगवान विष्णु अधर्म को मिटाने और धर्म स्थापना करने के लिये हर युग जन्म लेते हैं और उन्होने ही रावण के अत्याचार को खत्म करने के लिए भगवान राम के रूप में जन्म लिया था। यही कारण है कि हर साल इस पावन पर्व पर भगवान राम चंद्र जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।

रामनवमी 2020 पूजा मुहूर्त –

2 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 10 मिनट से दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक
नवमी तिथि आरंभ – 03:39 (2 अप्रैल 2020)
नवमी तिथि समाप्त – 02:42 (3 अप्रैल 2020)

कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान कन्या पूजन के लिए अपनाये ये तरीके।

पूजन सामग्री –

भगवान राम की प्रतिमा या चित्र, तांबे का पात्र, तांबे का कलश, रोली, अक्षत, हल्दी, मेंहदी, अबीर, गुलाल, वस्त्र, तेल, घी, दीपक, धूपबत्ती, ऋतुफल, पंचमेवा, पंचामृत, मिठाई, पान, नारियल, जनेऊ आदि को एक जगह पर रख लें।
नोट – रामनवमी के इस शुभ अवसर पर यदि आपको कोरोना वायरस के कारण हुए इस लॉकडाउन के दौरान ऊपर बताई गयी सामग्री में से कोई सामग्री न मिल पाए तो घबराएं नहीं, मन में उस सामग्री का ध्यान करें और भगवान से क्षमा मांग कर सामग्री को अर्पित करें।

पूजन विधि –

रामनवमी के दिन प्रातःकाल उठ कर स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र धारण करें और घर के पूजा स्थल पर पूजा सामग्री लेकर बैठे। इसके बाद भगवान श्रीराम की प्रतिमा को जल से स्नान कराएं और भगवान रामचंद्र को नए वस्त्र पहनाएं। इसके बाद धूप, दीप, आरती, पुष्प, पीला चंदन आदि अर्पित करते हुए भगवान की पूजा करें। रामनवमी की पूजा षोडशोपचार करें और रामायण का पाठ और रामरक्षास्त्रोत का पाठ करें। प्रभु श्रीराम को फल-मूल और खीर प्रसाद के रूप में चढ़ाएं।

श्री राम के संक्षिप्त मंत्र:
* ॐ राम ॐ राम ॐ राम ।
* ह्रीं राम ह्रीं राम ।
* श्रीं राम श्रीं राम ।
* क्लीं राम क्लीं राम।
* फ़ट् राम फ़ट्।

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