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सावधान! वर्क फॉर होम के दौरान हो ना जाएँ, कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के शिकार।

कोरोना वायरस के डर और देशव्यापी लॉकडाउन के चलते आजकल अधिकतर कम्पनियाँ वर्क फॉर होम को अधिक बढ़ावा दे रही हैं। हालाँकि ये बात सच है कि वर्क फॉर होम ये सुनने में जितना आसान लगता है, करने में उतना ही चैलेंजिंग होता है। लेकिन इस समय के दौर और मांग दोनों को देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि वर्क फॉर होम काम करने का एक सुरक्षित तरीका है। काम चाहे वर्क प्लेस से करना हो या घर से दोनों परिस्थितियों में आपको अपने लैपटॉप या कम्प्यूटर के आगे कई घंटों तक बैठना पड़ता है। जिसका सबसे बुरा असर आपकी आँखों पर पड़ता है। आजकल अधिकतर लोगों में वर्क फॉर होम के चलते आँखों में दर्द, सर में दर्द और चक्कर आना जैसी कई परेशानियां देखने को मिल रही हैं। इनमे सबसे कॉमन है कंप्यूटर विजन सिंड्रोम हो जाना। आईये जानते हैं वर्क फॉर होम के दौरान खुद को कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से दूर रखने के लिए कौन से तरीकों को अपनाना चाहिए।

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम
courtesy google

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कंप्यूटर विजन सिंड्रोम –

बहुत देर तक या लगातार कई घंटों तक कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल और टीवी को देखने से आंखों में सूखापन की समस्या आ जाती है। ऐसा सभी इलेक्ट्रानिक गैजेट्स से निकलने वाले ब्लू लाइट के प्रभाव से होता है। आपने भी इस बात पर गौर किया होगा कि जब हम अपने मोबाईल और कम्प्यूटर पर कुछ कार्य कर रहे होते हैं, तो उस दौरान हम अपने मोबाईल/कम्प्यूटर की स्क्रीन की तरफ बिना नजरें हटाएँ और बिना पलक झपकाए लगातार देखते रहते हैं। इस दौरान कभी कभी आपको ऐसा लगने लगता है जैसे आपकी आंखों में तेज जलन हो रही हो और कभी कभी आंखों से पानी भी निकलने लगता है। यही सब समस्याएं कंप्यूटर विजन सिंड्रोम होने का कारण बनती हैं।

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षण –

* नजरों में धुंधलापन छाना
* डबल प्रतिबिम्ब दिखना
* आँखों में ड्रायनेस
* लाल आँखें हो जाना
* आंख में जलन होना
* सिर दर्द होना
* आंखों में दर्द या सूजन बने रहना
* गर्दन/ पीठ में दर्द रहना

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कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से बचाव के टिप्स –

काम के बीच में ब्रेक –

यदि आपका अधिकतर कार्य कम्प्यूटर पर होता है तो ऐसी परिस्थिति में घर हो या ऑफिस, काम के बीच में छोटे छोटे ब्रेक लेना जरुरी होता है। ऐसा करने से आपकी आँखों पर दवाब कम पड़ता हैं और आपका दिमाग भी कुछ समय के लिए आराम कर लेता है। इसके अलावा अपने कम्प्यूटर को बहुत अधिक ब्राइटनेस में उपयोग नहीं करना चाहिए, साथ ही कम्प्यूटर से एकदम चिपक कर भी न बैठे। काम के बीच में कुछ देर का ब्रेक लेते रहे, इस दौरान आँखों को पानी से अच्छी तरह धोयें, आँखों की मालिश करें और कुछ देर आँखों को बंद रख कर उन्हें आराम करने दें।

पलकें झपकना भी हैं जरुरी –

आमतौर पर हम कई बार पलकें झपकाते हैं लेकिन कई बार जब आप कम्प्यूटर पर बहुत अधिक फोकस होकर काम करते हैं तो उस समय आपकी पलकें सामान्य के मुकाबले बहुत कम झपकती हैं। जिस कारण आंखों में सूखापन, धुंधली दृष्टि और थकान हो जाने की संभावना बढ़ जाती है। काम के दौरान पलकें झपकने से आंख की मांसपेशियों को आराम पहुँचता है और आँखों में नमी बनी रहती है।

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आंखों की एक्सरसाइज –

इसके लिए अपनी आंखों को लगभग 20 बार दाएं और बाएं दोनों दिशाओं में घुमाते हुए देखें। रोज सुबह उठने के बाद कुछ देर उगते सूरज को एकटक देखें। काम के दौरान पलकें झपकाते रहें और बीच बीच में हल्के हाथों से अपनी आँखों को बंद कर उनकी मालिश करें। काम के समय हर 1 घंटे के बाद ब्रेक लेकर 20 फीट दूर रखी चीज को लगातार 20 सेकेंड तक देखते रहे। इस तरह करने से कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षण जल्दी ही खत्म हो जाते हैं।

हेल्दी डाइट अपनाएं –

आंखों और शरीर में किसी भी प्रकार की समस्या का सबसे पहला कारण बनता हैं हमारा खान पान और लाइफस्टाइल का तरीका। आंखों की अच्छी सेहत के लिए अपने डाइट में ड्राइफ्रूट्स, खट्टे फल, हरी सब्जियां, नट्स, बीज, फलियां, अंडा, मीट, और मछली को शामिल करें। इसके अलावा दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पियें। देर रात तक जग कर कम्प्यूटर में काम करने की बुरी आदत न बनायें और कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षणों से दूरी बनायें।

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