Health

देश में पिछले 2 दिन के अंदर तीन कंपनियों को मिली कोरोना दवा निर्माण के लिए DCGI की मंजूरी।

देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के पिछले दो दिनों से वायरस के इलाज के लिए वैक्सीन शोध निर्माण क्षेत्र से अच्छी खबरें सामने आ रही हैं। पिछले 2 दिन के अंदर तीन कंपनियों को कोरोना वैक्सीन निमार्ण के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा मंजूरी प्रदान की गयी हैं। एक तरफ जहाँ देश में अनलॉक होने के बाद से कोरोना के ग्राफ में तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही हैं, वहीँ दूसरी और देश में पिछले 2 दिन के अंदर तीन कंपनियों को कोरोना वैक्सीन निमार्ण के लिए मंजूरी मिलने को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। हाल फिलहाल जिस तीसरी कम्पनी कोरोना वैक्सीन के लिए (DCGI) अप्रूवल दिया गया वो सिप्ला फार्मास्युटिकल्स है। सिप्ला (Cipla Limited) को DCGI से रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा के निर्माण के लिए अप्रूवल दिया गया है। सिप्ला कोरोना की इस दवा को बाजार में सिप्रेमी (CIPREMI) नाम से उतारेगी। बता दें कि कोरोना वायरस के लिए सिप्ला द्वारा बनाए जाने वाली सिप्रेमी (CIPREMI) दवा रेमडेसिवीर दवा का जेनेरिक वर्जन है।

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2 दिन के अंदर तीन कंपनियों को मिली मंजूरी –

देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संकम्रण के बीच पिछले 2 दिन के अंदर 3 कंपनियों को कोरोना वैक्सीन निर्माण के लिए DCGI से मंजूरी मिली है। सबसे पहले ग्लेनमार्क (Glenmark) की FabiFlu और फिर हेटेरो (Hetero Drugs) की कोविफोर और अब सिप्ला की सिप्रेमी (CIPREMI) को अप्रूवल मिला है।

सिप्ला की सिप्रेमी (CIPREMI) –

सिप्ला द्वारा बनाए जाने वाली सिप्रेमी (CIPREMI) दवा रेमडेसिवीर दवा का जेनेरिक वर्जन है। जिसे अमेरिकी दवा नियामक यूएसएफडीए (USFDA) ने कोविड-19 के मरीजों को आपातकालीन स्थिति में देने की स्वीकृति दी है। दवा की कीमतों के बारे में अभी खुलासा होना बांकी है। बता दें कि US FDA ने इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन (EUA) के तहत गिलीड साइंसेज इंक (Gilead Scinces Inc.) को कोरोना इलाज के लिए रेमडेसिवीर का इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी। इसी के तहत Gilead Scinces ने मई माह में CIPLA को Remdesivir के जेनेरिक वर्जन के विनिर्माण और विपणन के लिए नॉन-एक्सक्लूसिव लाइसेंस दिए थे। सिप्ला ने कहा कि उसे भारतीय दवा महानियंत्रक (DCGI) से इस दवा के आपातकालीन स्थिति में सीमित उपयोग की अनुमति मिल गई है। CIPLA के रिस्क मैनेजमेंट प्लान के तहत, कम्पनी दवा का प्रयोग करने के लिए ट्रेनिंग उपलब्ध करवाएगी और साथ ही मरीजों को एक सहमति फॉर्म भी भरना होगा। पोस्ट मार्केट सर्विलांस के अतिरिक्त कंपनी मरीजों पर चौथे चरण का ​क्लिनिकल ट्रायल भी करेगी।

ग्लेनमार्क की फैबिफ्लू (Fabi Flu) –

कोरोना वायरस की दवा के लिए सिप्ला की सीप्रेमी को मंजूरी मिलने से एक दिन पहले, DCGI ने ग्लेनमार्क की फैबिफ्लू (Fabi Flu) को भी मंजूरी प्रदान करी थी। Glenmark Pharmaceuticals के चेयरमैन ग्लेन सल्दान्हा ने कहा, ‘यह मंजूरी ऐसे समय मिली है, जबकि भारत में कोरोना वायरस के मामले पहले की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली काफी दबाव में है।’ Fabi Flu दवा 200 एमजी के टैबलेट में उपलब्ध होगी और इसकी कीमत 103 रुपये प्रति टैबलेट होगी। फैबिफ्लू (Fabi Flu) की 34 टैबलेट की स्ट्रिप के लिए मैक्सिमम रिटेल प्राइस (MRP) 3,500 रुपये तय की गई है। यह कोरोना वायरस के लिए बनी पहली ओरल (खाने वाली) दवा होगी। इसका प्रयोग इमरजेंसी की अवस्था में माइल्ड कोविड-19 मरीजों पर किया जायेगा।

हेटरो की कोविफोर (COVIFOR) –

कोरोना वायरस के लिए सिप्ला की सिप्रेमी के आलावा भारत की प्रमुख जेनेरिक दवा कंपनियों में से एक हेटेरो (Hetero) को DCGI से रेमडेसिवीर के विनिर्माण और विपणन की अनुमति प्रदान की गई है। हेटरो कम्पनी द्वारा Remdesivir के Hetero के जेनेरिक संस्करण को भारत में कोविफोर (COVIFOR ) ब्रांड नाम के तहत उपलब्ध करवाया जाएगा। हेटरो कंपनीज़ के चेयरमैन डॉ. पार्थ सारथी रेड्डी, ने कहा कि भारत में COVID-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र, कोविफोर को दिया गया अप्रूवल एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

अब तक ये देश कर चुके हैं कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा –

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