बिहार के बाद उत्तराखंड में भी जारी हुआ चमकी बुखार का अलर्ट।
चमकी बुखार के बारे में तो आप लोग काफी दिन से पढ़ रहे होंगे. ये बुखार आज कल बिहार में काफी तेजी से फैल रहा है और इससे सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हो रहे हैं । इस बुखार से बिहार में 180 से भी अधिक बच्चे मर चुके हैं और अब इस बुखार का अलर्ट उत्तराखंड में भी हो चूका है तो आइये जानते है की चमकी बुखार क्या है इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
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चमकी बुखार क्या है –
चमकी बुखार को लेकर अब तक जो बात निकल कर सामने आ रही है उसके अनुसार इसम बुखार का सबसे बड़ा कारण है कुपोषित बच्चों का अधिक लीची का सेवन करना। क्योंकि लीची खाने से इसमें मौजूद रसायन बच्चों के लिवर में जमा होने लगता है जो गर्मी बढ़ने के कारण बॉडी में फैलने लगता है जिससे बच्चों के शरीर में रिएक्शन हो जाता है इस कारण बुखार दिमाग में चढ़ जाता है और बच्चे की मौत तक हो सकती है।
चमकी बुखार के लक्षण –
*सर में तेज दर्द होना.
*बुखार आना.
*बहुत थका महसूस करना या नीद न आना.
*दिमाग का ठीक से काम न करना.
*झटके लगना.
*शरीर में दर्द होना.
*बेहोसी या उलटी आना.
*शरीर में लकवा जैसा पढ़ जाना.
चमकी बुखार का इलाज –
*लीची का सेवन अधिक मात्रा में न करे.
*बच्चो को अच्छा और घर का बना पौष्टिक खाना दे.
*अगर बच्चे में चमकी बुखार के लक्षण दिखाए देते है तो उसको ग्लूकोज पाउडर को चीनी में घोलकर दें जिससे शरीर में खून बढ़ने लगेगा और ये बुखार दिमाग में असर नहीं करेगा और बिना देर करे बच्चे को हॉस्पिटल ले कर जाएं.
*बच्चे को खली पेट कभी लीची न खाने दे अक्सर बच्चे स्कूल से आ कर खाली पेट लीची खा लेते हैं पर ऐसा करने से चमकी बीमारी की संभावना बहुत हद तक बढ़ जाती है.
*इन सब बातो को ध्यान में रख के आप अपने बच्चे को इस खतरनाक बीमारी से बचा सकते हैं.
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