बॉयकॉट चाइनीज गुड्स समझें, मेड इन इंडिया और मेक इन इंडिया के बीच का फर्क।
pinks tea - June 19, 2020 727 3 Comments
गलवान घाटी में हुई हिसंक झड़प ने भारत और चीन दोनों देशों के आपसी रिश्तों के बीच बड़ी दरार पैदा कर दी है। घाटी में हुई इस हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान वीरता से लड़ते हुई देश की रक्षा के लिए शहीद हो गए। इस घटना ने पूरे देश को झकझोड़ के रख दिया। देश भर में चीनी सामना के बहिष्कार के साथ ही बॉयकॉट चाइनीज गुड्स मूवमेंट तेजी से पॉपुलर होने लगा। इन सब के बीच मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने की मुहिम गति पकड़ते हुई नजर आने लगी है। लेकिन इन सब के बीच बड़ी बहस का मुद्दा बना हुआ है मेड इन इंडिया और मेक इन इंडिया के बीच का फर्क। आईये जानते हैं ये दोनों एक दूसरे से कितने अलग हैं और क्या है इनके बीच का अंतर्।
‘मेक इन इंडिया’ VS ‘मेड इन इंडिया’ – Make in India VS Made in India
मेक इन इंडिया – Make in India
वर्ष 2014 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गयी बहुयामी परियोजना थी। जिसका मुख्य उद्देश्य देश में विनिर्माण प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना, देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करना और देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना था। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य विदेशी निवेशकों को भारत में व्यापार करने के लिए आकर्षित करना, निवेशकों के लिए व्यापार की नीतियों को अनुकूल और विश्वसनीय बनाना था। सरल शब्दों में इसे आप समझें कि मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत विदेशी कंपनी भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाती है और उसके सभी कंपोनेंट अपने देश से आयात कर भारतीय श्रम बल का इस्तेमाल कर फ़ाइनल प्रोडक्ट तैयार करती है। मेक इन इण्डिया प्रोजेक्ट के अंदर देश में इस समय कई ऐसी कम्पनियाँ काम कर रही हैं, जिनका रॉ मैटेरियल से लेकर सभी कंपोनेंट उनके अपने देश में बनाये जा रहें हैं और इस प्रोजेक्ट के अंदर वो सिर्फ इन्हें भारत में असेम्ब्ल कर अंतिम उत्पाद तैयार कर रहें हैं।
मेड इन इंडिया – Made in India
बात करें मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट की तो यह मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट से बिकुल अलग है। इसका उद्देश्य भारत में निर्मित उत्पादों को एक अलग पहचान दिलाना है। हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोकल पर लोकल और आत्मनिर्भर भारत बनाने की बात कही थी। मेड इन इंडिया के तहत घरेलू निर्माण इकाइयों को बढ़ावा दिया जाता है। इसके लिए सरकार द्वारा कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। इस प्रोजेक्ट की खासियत यह है कि इसमें स्वदेशी ब्रांड्स को बढ़ावा दिया जाता है। यह यह घरेलू मैनुफैक्चरर्स को विदेशी प्रोडक्ट्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने और अपने उत्पादों के मानक को बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करने का कार्य करता है।
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