Health

कोरोना वायरस की पहली संभावित वैक्सीन कोवाक्सिन को DGCI ने दी मानव परीक्षण की अनुमति।

कोरोना संक्रमण का प्रकोप इस समय सम्पूर्ण विश्व में जारी है। वायरस की रोकथाम के लिए विश्व के सभी देश वैकसीन निर्माण के क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रहे हैं। बीते कुछ हफ्तों से विश्व के कई देशों से कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं। हमारे देश भारत की बात करें तो यहाँ भी वैक्सीन निर्माण की दिशा में लगातार शोध जारी है। बीते कुछ हफ्तों में देश की कई फार्मा कंपनियों द्वारा वैक्सीन निर्माण की दिशा में चल रहे शोध के उत्साहवर्द्धक नतीजे मिले हैं। वैक्सीन निर्माण के क्षेत्र में भारत से एक और अच्छी खबर सामने आयी है। देश में कोरोना वायरस की पहली संभावित वैक्सीन कोवाक्सिन (COVAXIN) को डीजीसीआई (DGCI) से पहले और दूसरे चरण के लिए मानव परीक्षण की अनुमति मिल गई है। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बनाई जा रही ‘कोवाक्सिन’ (COVAXIN) को भारत की अग्रणी वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक ने बनाया है।

फेस 1 और फेस 2 ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल की मिली अनुमति
‘कोवाक्सिन’ (COVAXIN) को भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के साथ मिलकर सफलतापूर्वक तैयार किया है। वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI), सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने फेस 1 और फेस 2 ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की अनुमति प्रदान की है। इसके पहले कंपनी ने प्रीक्लिनिकल स्टडीज से प्राप्त परिणाम सौंपे थे। कंपनी के मुताबिक जुलाई माह से इस वैक्‍सीन का परीक्षण इंसानों पर शुरू कर दिया जायेगा। कंपनी ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस स्ट्रेन (SARS-COV-2) को पुणे स्थित एनआईवी में अलग किया गया और बाद में भारत बायोटेक को हस्तांतरित कर दिया गया।

घरेलू स्तर पर विकसित हुई वैक्सीन
भारत बायोटेक के चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉ. कृष्णा एला ने कहा, “हम कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पहली स्वदेशी घरेलू स्तर पर विकसित वैक्सीन,’कोवाक्सिन’ (COVAXIN) की घोषणा कर गौरवान्वित हैं। इस वैक्सीन के विकास में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) की साझेदारी महत्वपूर्ण रही है। उन्होने कहा सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) के सक्रिय समर्थन और मार्गदर्शन से इस परियोजना को स्वीकृति मिलना संभव हो पाया। हमारे आर एंड डी और विनिर्माण टीमों ने इस प्लेटफार्म की दिशा में हमारी खुद की प्रौद्योगिकियों की तैनाती में अथक परिश्रम किया।”

दुनिया भर में 100 से ज्यादा वैक्सीन पर चल रहा है काम
बता दें कि सम्पूर्ण विश्व में चल रहे कोरोना कहर को रोकने के लिए दुनियाभर में वायरस की 100 से अधिक वैक्सीन पर काम चल रहा है। हालाँकि इस क्षेत्र में अभी तक किसी को भी शत प्रतिशत सफलता नहीं मिल पाई है। लेकिन कई वैक्सीन से मिलने वाले सकारात्मक नतीजे उम्मीद की राह दिखाते हैं।

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