औषधीय गुणों भरपूर है बेल का पौंधा, कई रोगों का है रामबाण इलाज।
भारतीय संस्कृति में पवित्र माने जाना वाला बेल का पौंधा अपने चमत्कारी औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। बेल का सिर्फ फल ही नहीं बल्कि इसके पेड़ के पत्ते, जड़, पत्तियां आदि सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, पोटैशियम, फाइबर, कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, विटामिन सी और टैनिन जैसे जरूरी तत्व पाए जाते हैं। ये सभी तत्व हमारे शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं इनका सेवन अनेक प्रकार के रोगों से निजात दिलाता है। बेल का उपयोग कैंसर, दमा, मोटापा, डायबटीज, कब्ज, गैस, दस्त, गठिया जैसे रोगों के उपचार में किया जाता है।
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बेल के सवास्थ्य लाभ –
कब्ज में अत्यंत लाभकारी –
बेल के फल में फाइबर की प्रचुर मात्रा पाई जाती है जिस कारण यह पेट साफ करने में सहायता करता है इसलिए कब्ज की बीमारी से परेशान लोगों को बेल का सेवन अवश्य करना चाहिए। कब्ज के साथ साथ यह पेट की अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
इम्यून सिस्टम को करे मजबूत –
बेल का सेवन हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनता है जिस कारण शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। बेल का फल शरीर की मेटाबॉलिक छमता में भी सुधार लाने का काम करता है जिस कारण शरीर में फुर्ती बनी रहती है। इसके अलावा में इसमें प्रोटीन की भी प्रचुर मात्रा पायी जाती है जो कि शरीर में हुए घाव को समय पर भरने में मदद करता है।
बेल का फल ही नहीं बेल का रस पीने से भी होते हैं अनेक सवास्थ्य लाभ।
सर्दी से बचाएं बेल के पत्ते –
अगर आप अक्सर सर्दी जुकाम कि समस्या से परेशान रहते हैं तो बेल के पत्तों का उपयोग करने पर ये आपकी पुरानी से पुरानी सर्दी जुकाम की बीमारी को आसानी से ठीक कर देता है।
डायबटीज के रोगियों के लिए –
बेल के पेड़ से प्राप्त होने वाला फेरोनिया गम इन्सुलिन के लेवल को कंट्रोल करने का काम करता है जिस कारण शुगर का लेवल शरीर में मेंटेन रहता है। मात्र 4 से 5 पत्ते प्रतिदिन सुबह खाने से आप अपनी शुगर की बीमारी पर नियंत्रण पा सकते हैं।
गठिया रोगियों के लिए –
कच्चे बेल की लुगदी को निकाल कर अच्छी से मसल लीजिए और थोड़ा सा सरसों का तेल गर्म करके इसमें मिला दीजिए और शरीर के जिन भागों में आपको गठिया का दर्द महसूस हो वहाँ पर इस लेप को लगा दीजिए।
पाचन तंत्र करे मजबूत –
बेल हमारे पाचन तंत्र को सुधारने का भी काम करता है जिससे खाना पचाने में आसानी होती है इसके अलावा ये पेट के कीड़े मारने का भी काम करता है। बेल से प्राप्त होने वाला फेरोनिया गम डायरिया के उपचार में भी लाभकारी होता है।
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